कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान विधानसभा के सदस्य सचिन पायलट पटना पहुंचे। एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमने पलायन कर रहे लोगों को नौकरी देने के लिए जो यात्रा बिहार में शुरू की थी, आज इसके समापन कार्यक्रम में मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि आप इस पूरे मामले को निश्चित तौर पर देखें कि बिहार में पलायन क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि बिहार में जो नौजवानों से वादा किया गया, वह पूरा नहीं किया गया। यहां जुमले की सरकार है और लगातार यहां राजनीतिक उथल-पुथल होती है, लेकिन हमारी जिम्मेदारी है और हम उसे पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों की हालत वही है, वहां भी जुमलेबाजी होती है और यहां भी जुमलेबाजी होती है कि नौजवानों को रोजगार देना होगा। उन्होंने कहा कि 11 साल से केंद्र में कौन है और 20 साल से बिहार में कौन है, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। जब सचिन पायलट से पूछा गया कि क्या इसका फायदा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में होगा, उन्होंने कहा कि फायदा-नुकसान की बात हम नहीं करते हैं। हम नौजवानों की नौकरी और रोजगार की बात करते हैं। चुनाव तो आते-जाते रहेंगे। हार-जीत होती रहती है, लेकिन हमारी प्रतिबद्धता नौजवानों के साथ है और आगे भी रहेगी।
बिहार में पलायन का सबसे बड़ा मुद्दा
सचिन पायलट ने कहा कि बिहार के नौजवान राज्य में खुद को अंधकार में देखते हैं। साल 2024 में नीतीश कुमार को मोदी को समर्थन देना था, तो बदले में नौजवान के लिए नौकरी मांग लेते, तो हमें बुरा नहीं लगता। बिहार में जो पेपर लीक हुआ, यह युवाओं के लिए खतरे की बात है। युवा नौकरी मांग रहे हैं और सरकार को कोई चिंता नहीं है। 20 सालों में सरकार को युवाओं के भविष्य की चिंता नहीं है।
सीएम से मिलने के लिए मांगा समय
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है, पर समय नहीं मिला है। बिहार के लोग बहुत समझदार हैं। वह समझ गए हैं कि कौन वोट लेने के बाद वादाखिलाफी करता है। बिहार के लोगों से अपील करेंगे कि उस पार्टी का साथ दें, जो नौजवानों के लिए कुछ करना चाहती है। कांग्रेस पार्टी के जरिए हम कहना चाहते हैं और हमारी प्राथमिकता नौजवान ही रहेंगे। बिहार में नौजवानों को लेकर जो बीड़ा उठाया है, उसे अंतिम पड़ाव तक लेकर जाएंगे। हमारी सरकार 2025 में निश्चित रूप से बनेगी। चुनाव से पहले गठबंधन होगा, फिर मुख्यमंत्री का चेहरा चुना जाएगा। महागठबंधन में मजबूती से चुनाव लड़ेगी, चुनाव के बाद बहुमत आने के बाद ही मुख्यमंत्री का चेहरा तय होगा।
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