FIR filed against RJD MLA former minister Chandrashekhar:नगर परिषद क्षेत्र में बुडको की ओर से 72 करोड़ रुपये की लागत से कराए जा रहे स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम निर्माण कार्य को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. निर्माण एजेंसी एए पटना (जेवी) के प्रोपराइटर अमित कुमार ने सदर थाना में आवेदन देकर कार्यस्थल पर पुलिस बल एवं बॉडीगार्ड की मांग की है. उन्होंने स्थानीय राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर, उनके प्रतिनिधि आलोक कुमार मुन्ना समेत अन्य समर्थकों पर निर्माण कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप, रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. इससे पहले 25 नवंबर को अररिया जिले के निवासी और निर्माण कार्य में लगे मजदूर सोनू निगम ने भी चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उसने आरोप लगाया था कि 23 नवंबर की रात निरीक्षण के दौरान विधायक द्वारा थप्पड़ मारने, गाली-गलौज करने और निर्माण एजेंसी से रंगदारी मांगने की घटना हुई थी.
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थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार ने FIR दर्ज होने की पुष्टि की
निर्माण एजेंसी द्वारा नौ दिसंबर को मधेपुरा थाना में दिए गए आवेदन के आधार पर 15 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई है. थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है. यह सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज दूसरा मामला बताया जा रहा है. संवेदक अमित कुमार की ओर से 15 दिसंबर को दर्ज कराए गए ताजा मुकदमे में कहा गया है कि 23 नवंबर की रात करीब 9:25 बजे विधायक अपने करीब 10 समर्थकों के साथ कार्यस्थल पर पहुंचे और मजदूर सोनू निगम के साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार किया, जिससे कार्यस्थल पर अफरातफरी का माहौल बन गया. इस घटना के बाद मजदूर द्वारा सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन अब तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
निर्माण एजेंसी का आरोप है कि इसके बाद भी लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिससे कार्य कराना मुश्किल हो गया है. आरोप है कि विधायक के प्रतिनिधि आलोक कुमार मुन्ना ने प्रोजेक्ट मैनेजर आशुतोष कुमार को व्हाट्सऐप कॉल कर रंगदारी की मांग की और जान से मारने तथा ठेकेदारी बर्बाद करने की धमकी दी.
आरोपों पर विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने दी सफाई
वहीं, इन आरोपों पर विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने सफाई देते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार द्वारा शहर के विकास के लिए 72 करोड़ रुपये की लागत से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि वे बीस सूत्री की बैठकों सहित विभिन्न मंचों पर डीपीआर के अनुरूप काम कराने की मांग लगातार उठाते रहे हैं. विधायक ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगातार दूसरी बार फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मुकदमों और धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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