Ramcharitmanas Row: रामचरित मानस और धार्मिक ग्रंथों पर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने शुक्रवार को एक बार फिर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पिछड़ों-दलितों के लिए हमेशा बोलता रहूंगा। मेरा एक बयान आज देश में चर्चा का विषय बन गया है। अभी दो शब्द कहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हम लोग एकलव्य के पुत्र हैं, जो अब अंगूठा नहीं देते हैं बल्कि लेते हैं। हम कुर्बानी देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले हैं। जिसका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। वैसे लोग आज देश में हिंदू-मुसलमान की राजनीति कर रहे हैं।’
शिक्षामंत्री ने कहा, ‘मैं ये बात कहता हूं ये 500 वर्ष पुराना जमाना नहीं है जब आपने लोगों को शिक्षा से वंचित रखा। अब सबने पढ़ लिया है। हम शुद्र हैं लेकिन ज्ञान है इसलिए आप शिक्षा न दें। अभी तो एक कहा हूं दर्जनों बाकी है, समय आने पर कहूंगा।
वीडियो भी देखिए…
दरअसल, आरजेडी ने शुक्रवार को पटना स्थित बापू सभागार में 17 फरवरी को कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी कार्यक्रम में बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर बोल रहे थे।
नालंदा यूनिवर्सिटी में रामचरित मानस पर उठाए थे सवाल
मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर विवादित बयान के बाद ही यूपी समेत कई राज्यों में इस धार्मिक ग्रंथ पर घमासान हुआ था। दरअसल, मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर जनवरी महीने में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे।
वहां उन्होंने कहा, ‘मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके को गालियां दी गई हैं। रामचरित मानस में लिखा है कि नीच जाति वाले शिक्षा पाने के बाद जहरीले हो जाते हैं। ये ग्रंथ समाज और देश को नफरत में बांटते हैं।
यूपी तक फैली थी विरोध की आग
उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी रामचरितमानस की चौपाई पर सवाल उठाए थे। लखनऊ में एक गुट ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं। स्वामी प्रसाद का विरोध करने पर सपा की दो महिला नेताओं का निष्कासन भी कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें: Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में लखनऊ DM की बड़ी कार्रवाई, दो पर लगा NSA