Patna High court News: पति और पत्नी की लड़ाई में अक्सर कई अपशब्द निकल जाते हैं। ऐसे में पति ने पत्नी को भूत-पिशाच कह दिया, तो पत्नी ने पति के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। अदालत ने भी पति को सजा सुनाई और सलाखों के पीछे बंद कर दिया। मगर अब पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है। जी हां, ये अनोखा मामला बिहार के पटना हाई कोर्ट का है, जहां अदालत ने सुनवाई करते हुए पति को बाइज्जत बरी कर दिया है।
न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
पटना हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस विवेक चौधरी ने मामले पर फैसला सुनाया है। पत्नी ने पति पर दहेज उत्पीड़न और लड़ाई-झगड़े का आरोप लगाया था। जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक ने कहा कि वैवाहिक संबंधों में और खासकर असफल वैवाहिक संबंधों में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। लड़ाई-झगड़े के दौरान पति और पत्नी अक्सर एक-दूसरे को अपशब्द कह देते हैं। गाली-गलौज होना भी आम बात है। इसलिए ऐसे आरोप क्रूरता के अंतर्गत नहीं आते हैं।
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पति को दी रिहाई
यह मामला नालंदा जिला अदालत का है। पत्नी के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए निचली अदालत ने पति को आईपीसी की धारा 498ए के तहत फैसला सुनाया था। साथ ही पति पर दहेज अधिनियम 1961 की धारा 4 भी लगी थी। ऐसे में नालंदा जिला अदालत ने पति को दोषी करार दिया और जेल भेज दिया। पति ने नालंदा की सीजेएम कोर्ट में अपील की। मगर वहां भी पति की दरख्वास्त नहीं सुनी गई। आखिर में पति ने पटना हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी और हाई कोर्ट ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए शख्स को रिहा कर दिया।
सबूत नहीं दे पाई पत्नी
पटना हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी से सबूत मांगे। पत्नी का कहना था कि उसने अपने पिता को खत लिखकर मामले की जानकारी दी थी। मगर अदालत द्वारा सबूत मांगने पर पत्नी नहीं दे पाई। ऐसे में अदालत ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। जस्टिस विवेक चौधरी ने पति और परिवार पर लगाए सारे इल्जामों को रद्द करते हुए शख्स को बाइज्ज बरी कर दिया है।