Paras Hospital Murder Latest Update: बिहार के पटना जिले के पारस अस्पताल में हुए गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस के हाथ नया सुराग लगा है। पुलिस को पता चला है कि चंदन मिश्रा हत्याकांड की शुरुआत कोलकाता से हुई थी। हत्या की साजिश बिहार की जेल में रची गई थी, लेकिन हत्या पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने कराई है।
खुद शेरू सिंह ने यह खुलासा किया है। बिहार STF (स्पेशल टास्क फोर्स) और पश्चिम बंगाल STF ने शेरू सिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि चंदन मिश्रा को जान से मारने की साजिश बिहार की जेल में बंद उसके गुर्गे ने रची थी। तौसीफ रजा उर्फ बादशाह को चंदन की सुपारी दी गई थी।
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कोलकाता से पकड़े गए यह 6 लोग
बिहार STF (स्पेशल टास्क फोर्स) और पश्चिम बंगाल STF ने बीते दिन कोलकाता से सटे न्यूटाउन के शापुरजी में एक बिल्डिंग में छापा मारा था। यहां से दोनों टीमों ने हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता (शूटर) तौसीफ रजा उसके चचेरे भाई निशु खान, सचिन सिंह, हर्ष उर्फ हरीश कुमार, भीम कुमार और अल्पना दास को गिरफ्तार किया।
हत्याकांड की साजिश तौसीफ ने रची थी। निशु खान के घर पर साजिश रची गई थी। निशु पर तौसीफ को पनाह देने और रसद उपलब्ध कराने का आरोप है। सचिन सिंह ने आरोपियों को फरार होने में मदद की। हर्ष पर हत्याकांड के समय निगरानी करने का आरोप है। हत्याकांड में भीम कुमार और अल्पना दास की भूमिका की जांच की जा रही है।
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इसलिए रची गई हत्या की साजिश
ओमकार सिंह उर्फ शेरू सिंह ने पुलिस को बताया कि चंदन और वह मिलकर काम करते थे। दोनों का एक गैंग था, लेकिन बाद में चंदन मिश्रा ने अपने रास्ते अलग कर लिए और वह उसका प्रतिद्वंदी बन गया। प्रतिद्वंदिता के चलते उसने चंदन की हत्या की साजिश रची, क्योंकि उसका धंधा चलने लगा था और वह मशहूर होने लगा था। दोनों क्रिकेट के शौकीन हैं।
क्रिकेट खेलने के दौरान ही दोनों की मुलाकात हुई थी। साल 2009 में एक क्रिकेट मैच खेलते समय अनिल सिंह नामक युवक ने उनका झगड़ा हो गया और दोनों पर अनिल की हत्या करने के आरोप लगे। दोनों को बाल सुधार गृह भेजा गया, जहां से बाहर आने के बाद क्राइम की दुनिया से उनका नाम जुड़ गया, लेकिन जल्दी ही दोनों की राहें अलग हो गईं।
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17 जुलाई को हुई थी चंदन की हत्या
बता दें कि गैंगस्टर चंदन मिश्रा 3 जुलाई को पेरोल पर जेल से बाहर आया था। 18 जुलाई को उसे वापस जेल में जाना था, लेकिन वह अस्पताल में बवासीर का इलाज कराने के लिए पारस अस्पताल में भर्ती हो गया। 17 जुलाई को अस्पताल में ही घुसकर 5 शूटरों ने दिनदहाड़े उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्याकांड का वीडियो सामने आया, जिसमें 5 हमलावर नजर आए। 4 ने टोपी पहनी थी और एक बिना टोपी के था।
हत्या के बाद एक हमलावर ने विजय चिह्न बनाया। चंदन मिश्रा बक्सर जिले का कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ हत्या, रंगदारी और गैंगवार समेत 24 से ज्यादा मामले दर्ज थे। 2011 में चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी और जेल क्लर्क हैदर अली की हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। वह बेऊर जेल में बंद था और बवासीर का इलाज कराने के लिए 21 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था।