Pappu Yadav on Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में अक्सर तेजस्वी यादव की आलोचना करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव इस बार अप्रत्याशित रूप से उनके बचाव में उतर आए हैं। चुनाव आयोग द्वारा तेजस्वी यादव को नोटिस भेजे जाने पर पप्पू यादव ने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए इसे भाजपा का ‘प्रवक्ता’ करार दिया है। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की बिहार यात्रा को गरीबों की आवाज बताया और भाजपा पर सनातन धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप भी लगाया।
चुनाव आयोग पर पप्पू यादव का हमला
पप्पू यादव ने साफ शब्दों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ‘चुनाव आयोग अब भाजपा का प्रवक्ता बन गया है। जो भाजपा कहती है, वही आयोग करता है। यह बताए कि अब तक कितने लोगों के नाम काटे गए? नोटिस भेजना बिल्कुल गलत है। कभी-कभी किसी की जुबान फिसल भी जाती है, तो क्या हर बात पर नोटिस भेजा जाएगा?
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इतना ही नहीं, उन्होंने तंज कसते हुए कहा, क्या चुनाव आयोग अलाउद्दीन का चिराग है, जो जो चाहेगा, वही हो जाएगा? उनके अनुसार, देश में भ्रम की राजनीति फैलाई जा रही है और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश में असमंजस की स्थिति पैदा करते रहते हैं।
#WATCH | On EC notice to Tejashwi Yadav over two EPICs matter, Independent MP Pappu Yadav says, "…Is EC 'Aladdin ka Chirag'? What will they do by sending notice? Election Commission is 'sandigdh commission' (suspicious commission) in itself. They have said that they are BJP… pic.twitter.com/lVafKy07bZ
— ANI (@ANI) August 4, 2025
राहुल गांधी की ‘मत यात्रा’ को बताया गरीबों की आवाज
राहुल गांधी द्वारा बिहार में निकाली जा रही ‘मत यात्रा’ को लेकर पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘हम गरीबों की आवाज बनकर सड़कों पर उतर रहे हैं। कई जगहों पर हम खुद भी राहुल गांधी के साथ रहेंगे। गरीबों को किसी कीमत पर वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं होने देंगे। राहुल गांधी गरीबों की आवाज लेकर निकल पड़े हैं और हम उनके साथ खड़े हैं।’
सीतामढ़ी के पुनर्नवा धाम मंदिर शिलान्यास पर भाजपा पर हमला
जब पप्पू यादव से 8 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सीतामढ़ी के पुनर्नवा धाम में मां सीता मंदिर के शिलान्यास को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ‘यह यात्रा मां सीता के लिए नहीं, बल्कि चुनाव के लिए है। जब चुनाव आता है तब इन्हें धर्म याद आता है, चुनाव खत्म होते ही धर्म भूल जाते हैं। ये न तो सनातन धर्म के हैं और ना ही मां सीता के। ये केवल वोट और चुनाव के लोग हैं।’
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