Bihar News: बिहार के मिथिला की प्रसिद्ध लीची अब आसमान की ऊंचाइयां छू रही है। दरभंगा एयरपोर्ट से इस साल अब तक 250 टन लीची देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हवाई मार्ग से भेजी जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 120 टन की तुलना में 108% की वृद्धि को दर्शाता है, जो न केवल किसानों के लिए खुशखबरी है, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नई उम्मीद बनकर उभरी है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा संचालित एयर कार्गो सेवा ने इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई है। ताज़े फल और सब्ज़ियों को शीघ्रता से बाजार तक पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस सेवा ने मिथिला के लीची किसानों के जीवन में नई ऊर्जा भर दी है।
किसानों को मिल रहा सीधा लाभ
स्थानीय किसान और कारोबारी मानते हैं कि पहले लीची को मंडियों तक पहुंचने में लंबा समय लगता था, जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ता था और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था। लेकिन अब हवाई परिवहन के माध्यम से लीची सीधे बाजारों तक पहुंच रही है।स्थानीय किसान शशिकांत कहते हैं,पहले ट्रांसपोर्ट में देरी और नुकसान होता था। अब लीची दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा फ्लाइट से जाती है, जिससे ताज़गी बनी रहती है और दाम भी बेहतर मिलते हैं।
बढ़ी है मांग, बढ़ी है कमाई
देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता के साथ-साथ अब संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी देशों से भी दरभंगा लीची की मांग बढ़ी है। इस वर्ष की शुरुआत से ही एयर कार्गो के ज़रिए नियमित शिपमेंट भेजे जा रहे हैं, जिससे लीची की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग को भी बल मिल रहा है।
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विकास को मिल रही उड़ान
दरभंगा एयरपोर्ट अब सिर्फ एक यात्री टर्मिनल नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का केंद्र बनता जा रहा है। इस पहल से न केवल किसानों को फायदा मिल रहा है, बल्कि पैकिंग, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।