बिहार चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। महागठबंधन से अलग हुए हेमंत सोरेन ने बिहार में 6 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अब बिहार विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेगी। दो दिन पहले ही हेमंत सोरेन में बिहार में 6 सीटों पर स्वतंत्र चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
झारखंड के गिरिडीह में झामुमो नेता सुदिव्य कुमार प्रेस वार्ता में चुनाव न लड़ने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस के साथ झामुमो यह कहने को मजबूर है कि हम इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में भाग नहीं ले रहे हैं।
कहा कि सीट बंटवारे की बैठक में झामुमो को शामिल न करने की जिम्मेदारी कांग्रेस की भी है। सुदिव्य कुमार ने कहा कि झामुमो ने पहले बिहार में 28 ऐसी सीटों की पहचान की थी, जहां आदिवासी आबादी अच्छी-खासी है। उनमें 22 सीटों पर पिछले चुनावों में मामूली अंतर से हारे थे।
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हेमंत के यू-टर्न पर बीजेपी नेता प्रतुल शाह ने कहा कि पिछले 15 दिनों में बिहार चुनाव को लेकर JMM ने जितने यू-टर्न लिए हैं, मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि JMM का नाम बदलकर JMMU कर दिया जाए। U का मतलब है यू-टर्न। पहले उन्होंने कहा कि वे 16 सीटों पर लड़ेंगे, फिर यू-टर्न लेते हुए कहा कि वे 12 सीटों पर लड़ेंगे। फिर वे महागठबंधन के नेताओं के पास गए और कहा कि हम 3 सीटों के लिए भी तैयार हैं।
प्रतुल शाह ने कहा कि महागठबंधन ने उन्हें हरी झंडी दे दी, लेकिन उन्हें भगा दिया गया। उन्हें कोई सीट नहीं मिली। फिर उन्होंने एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वे छह सीटों पर लड़ेंगे और महागठबंधन को सबक सिखाएंगे। फिर, उन्होंने 24 घंटे के भीतर ही यू-टर्न ले लिया। जेएमएम के बारे में शाह ने कहा कि ये एक ऐसी पार्टी है जिसने चंद सीटों के लिए बिहार की सड़कों पर झारखंडी गौरव खो दिया है।
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