JDU on Bihar Special Status: केंद्रीय बजट 2024-25 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी। इससे पहले सभी राज्य अपने-अपने बजट पेश करने में जुटे हैं। सामान्यतया केंद्रीय बजट के बाद राज्य सरकारें बजट पेश करती आई है। लेकिन इस बार केंद्रीय बजट कई राज्यों के बजट पेश होने के बाद पेश होगा। इस बीच बिहार में जेडीयू की अगुवाई नीतीश सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग की है। ये वो मुद्दा है जिसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से कन्नी काटती आई है। इससे पहले भी जेडीयू केंद्र की मोदी सरकार में भागीदार रही है। लेकिन इस बार बात कुछ और है। केंद्र में मोदी सरकार का भविष्य दो सहयोगियों जेडीयू और टीडीपी के समर्थन पर टिका है।
मोदी सरकार के लिए परेशानी यह है कि नीतीश कुमार की जेडीयू के अलावा जीतनराम मांझी की हम और चिराग पासवान ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। इससे पहले विशेष राज्य की मांग सिर्फ जेडीयू ही उठाती रही है। जेडीयू ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की आवश्यकता है। हमारे पास संसाधनों की कमी है ऐसे में प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार को विशेष पैकेज की आवश्यकता है। हमारे पास संसाधनों की कमी ऐतिहासिक या भौगोलिक कारणों से हैं। यहां न तो खदानें हैं और न ही समुद्री तट। इसके बावजूद हम किसी अन्य राज्य की तुलना में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।
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— News24 (@news24tvchannel) July 12, 2024
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नीतीश भी मोदी के सामने कर चुके हैं मांग
बिहार को विशेष दर्जे की मांग जेडीयू पिछले काफी समय से करती आई है। केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले सीएम नीतीश कुमार इशारों-इशारों में इसकी मांग कर चुके हैं। उन्होंने संसद के केंद्रीय हाॅल में हुई एनडीए की मीटिंग में कहा था कि हम चाहते हैं कि आप जल्द से जल्द ये कुर्सी संभाले। बाकी किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम सभी साथ खड़े हैं। ऐसे में अब केंद्रीय बजट से पहले जेडीयू की मांग मोदी सरकार के लिए नई परेशानी खड़ी कर चुकी है। जानकारी के अनुसार नीतीश सरकार ने केंद्र से 30 हजार करोड़ रुपये के भारी-भरकम राशि की डिमांड की है। इसके लिए नीतीश सरकार ने राज्य के प्रोजेक्टस को पूरा करने का हवाला दिया है।
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मोदी सरकार ने मंजूर किया आंध्र के लिए विशेष पैकेज
पिछले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 30 हजार करोड़ रुपये की डिमांड की थी। वहीं चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी ने भी स्पेशल पैकेज की मांग की थी। अब खबर है कि केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश के लिए 60 हजार करोड़ रुपये मंजूर कर लिए हैं। इन पैसों की मदद से नायडू सरकार आंध्रप्रदेश में तेल रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल हब के तौर प्रदेश को विकसित करना चाहती है। बिहार सरकार में दो मंत्री विजय चौधरी और संतोष सुमन ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को विशेष राज्य का दर्जा देने में दिक्कत हो तो वे हमें विशेष पैकेज दे सकते हैं।
जेडीयू को मिला विपक्ष का साथ
ऐसे में अब स्पेशल स्टेटस को लेकर जेडीयू की ये मांग मोदी सरकार पर प्रेशर पाॅलिटिक्स का हिस्सा है। वहीं विपक्ष भी इसको लेकर जेडीयू के साथ है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर वास्तव में जेडीयू किंगमेकर है तो उन्हें बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग करनी चाहिए और राज्य को दर्जा मिलना भी चाहिए। अब सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी? अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो कम से कम विशेष पैकेज की मांग तो स्वीकार कर सकती है।
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