Bihar: जो अन्न-वस्त्र उपजाएगा, वहीं कानून बनाएगा। यह भारत वर्ष उसी का है, अब वही शासन चलाएगा…। स्वामी सहजानंद सरस्वती की इन पंक्तियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
अमित शाह ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बिहार में डेयरी की बहुत संभावनाएं हैं। बिहार में भूमि है, पानी है और मेहनतकश किसान हैं। बिहार में ढंग से व्यवस्थापन किया जाए तो पूरे भारत का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला राज्य बिहार बन सकता है।’
‘अब नीतीश के राज में देश का सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला राज्य कैसे बनेगा बिहार? क्योंकि दूध उत्पादन के लिए पशु चाहिए और पशु को चारा चाहिए लेकिन प्रदेश का मुख्यमंत्री चारा चोरी करने वाले लालू की गोद में जाकर बैठ गया है, तो किसानों का भला कैसे होगा?’
किसानों और मजदूरों के लिए स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के जो विचार थे, उन्हें बस मोदी जी ही पूरा कर सकते हैं।
---विज्ञापन---केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah ने पटना में स्वतंत्रता सेनानी व किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की जयंती पर 'किसान-मजदूर समागम' को संबोधित किया। pic.twitter.com/qSXozFM6Xd
— BJP (@BJP4India) February 25, 2023
चंद्रगुप्त और चाणक्य को किया याद
अमित शाह ने कहा कि पाटलिपुत्र की इस महान भूमि पर चंद्रगुप्त मौर्य और आचार्य चाणक्य ने भारत का पहला साम्राज्य बनाने का सफल प्रयास किया। यहीं से सम्राट चंद्रगुप्त और सम्राट समुद्र गुप्त ने अफगानिस्तान से लेकर लंका तक एकमुश्त भारत का साम्राज्य बनाया। उस मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी पाटलिपुत्र की भूमि से मैं आप सबको प्रणाम करता हूं।
कैसे लोगे मालगुजारी लट्ठ हमारा जिंदाबाद
उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती जी ने अंग्रेजों के साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया, जमींदारी प्रथा का विरोध किया और मजदूरों का नेतृत्व किया। जाति, धर्म, पंथ और संप्रदाय से ऊपर उठकर सारे देश के किसानों को एकत्रित किया। बिहार को अपनी कर्मभूमि बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
अमित शाह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती जी और सुभाष बाबू दोनों एक ही विचारधारा से जुड़े हुए थे। सन्यासी होने के बावजूद उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। जब जमीदारों द्वारा जबरन किसानों से कर वसूला जाता था तब सहजानंद सरस्वती जी ने नारा दिया था- ‘कैसे लोगे मालगुजारी लट्ठ हमारा जिंदाबाद’ और जमीदारी प्रथा के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया था।
प्रधानमंत्री बनने के लिए सोनिया के शरण में पहुंचे नीतीश
गृह मंत्री शाह ने कहा कि किसानों और मजदूरों को भारत की व्यवस्थाओं में केंद्र बिंदु में लाने का काम सहजानंद सरस्वती जी ने किया था। आज सहजानंद सरस्वती जी का बिहार गर्त में जा रहा है, इसे गर्त से बाहर निकालने के लिए हमें संघर्ष करना है। जेपी से लेकर आज तक बिहार के लोगों का पूरा जीवन कांग्रेस का विरोध करने में निकल गया, लेकिन आज नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बनने के लालच में सोनिया गांधी के शरण में जाकर बैठ गए हैं।
#WATCH जिनका जीवन कांग्रेस का विरोध करते हुए गया वो नीतीश बाबू PM बनने के लोभ में सोनिया जी की शरण में बैठे हैं।जिसने लालू की जातिवादी राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उस वक्त जनता पार्टी तोड़ी वही आज PM बनने के मोह में लालू के गोद में बैठे हैं: गृह मंत्री pic.twitter.com/0k3UTW5cY7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 25, 2023
नीतीश के सत्तामोह में बिहार जंगलराज बना
अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के राज में MSP पर धान और गेहूं खरीदने के लिए कृषि का बजट बढ़ाया गया लेकिन बिहार में बजट जस का तस है। बिहार नीतीश बाबू के सत्ता मोह में जंगलराज बन चुका है।
उन्होंने कहा कि 2014 में मनमोहन-सोनिया सरकार के दौरान कृषि का बजट 25 हजार करोड़ रुपया था, 2023 के बजट में मोदी सरकार ने कृषि का बजट बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपया कर दिया है। यही बताता है कि देश के प्रधानमंत्री ने किसानों को केंद्र में रखा है।
जानिए कौन थे स्वामी सहजानंद?
स्वामी सहजानंद का जन्म 1889 में 22 फरवरी को यूपी के गाजीपुर जिले के देवा गांव में हुआ था। वे 5 भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बचपन का नाम नवरंग था। बचपन में ही मां की मौत हो गई थी। इसके बाद उनका लालन-पालन मौसी ने किया था। पत्नी के मौत के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था।
उन्होंने ब्रिटिशकाल में किसानों-मजदूरों के लिए कई आंदोलन किए थे। उन्हें बिहार प्रदेश किसान सभा का सभापति भी चुना गया था। 26 जून 1950 में मुजफ्फरपुर में 61 साल की आयु में उनकी मौत हो गई थी।