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बिहार

बिहार सरकार अब गांव-गांव में पशुओं को उपलब्ध करा रही इलाज, 58 एम्बुलेट्री वैन और 534 मोबाइल यूनिट कार्यरत

बिहार में पिछले साल 45 लाख से अधिक पशुओं का इलाज हुआ। राज्य सरकार अब गांव-गांव में पशुओं को इलाज उपलब्ध करा रही है। 2005 तक राज्य में केवल 814 पशु चिकित्सालय थे, अब 1,135 हो गए। जिला मुख्यालयों में स्थित पशु चिकित्सालयों में 24X7 चिकित्सा सुविधा मिल रही है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 27, 2025 21:41
animal ambulance

बिहार सरकार ने पशु चिकित्सा सेवाओं में वित्तीय वर्ष 2024-25 में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में सरकारी स्तर पर 45.70 लाख पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। वहीं इसी अवधि में 1.54 लाख पशुओं का नसबंदी, 27,262 नमूनों की पैथोलॉजिकल जांच और 36.90 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया है।

साथ ही बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधान विभाग द्वारा संचालित एम्बुलेट्री वैन के माध्यम से 3167 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 4.18 लाख पशुओं की चिकित्सा और 5712 नमूनों की पैथोलॉजिकल जांच की गई। बिहार सरकार की इस पहल ने सुदूर इलाकों के पशुपालकों तक पहुंच बनाने और उनके पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने में कामयाबी पाई है।

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करीब 7 करोड़ पशुओं का हुआ टीकाकरण

बीते 20 वर्षों में बिहार ने पशु चिकित्सा सुविधाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2006-07 में जहां 24.96 लाख पशुओं को ही चिकित्सा सुविधा मिली थी वहीं अब यह बढ़कर 45 लाख से अधिक हो गई है। इस अवधि में पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की संख्या 2.38 लाख से बढ़कर 44 लाख से अधिक हो गई है। पशुओं के टीकाकरण की व्यवस्था 2006-07 में शुरु हुई थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 7 करोड़ पशुओं का टीकाकरण हुआ है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।

पशुपालकों के द्वार तक पहुंची पशु चिकित्सा सेवा

बिहार सरकार ने पशु चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार किया है। वर्ष 2005 तक जहां बिहार में केवल 814 पशु चिकित्सालय थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 1,135 हो गई है। अब सभी जिला मुख्यालयों में स्थित पशु चिकित्सालयों में 24X7 चिकित्सा सुविधा शुरू की गई है। वर्ष 2005 से पहले जहां पशु चिकित्सा सुविधाएं बेहद सीमित थीं, ग्रामीण क्षेत्र में इसकी भारी कमी थी। वहीं 58 एम्बुलेट्री वैन और 534 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट शुरू होने के बाद अब गांव-गांव में पशुपालकों के द्वार तक पशु चिकित्सा सुविधा मिलने लगी है। सरकार के ये प्रयास बिहार में पशुपालन क्षेत्र को सशक्त बनाने और पशुपालकों की आजीविका को बेहतर करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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First published on: Jun 27, 2025 09:41 PM

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