अरुण कुमार, अररिया
Former MP Sarfaraz Alam Video Viral: बिहार की अररिया लोकसभा सीटा से लालू प्रसाद यादव ने पूर्व सांसद सरफराज आलम का टिकट का दिया तो वे भावुक हो गए। समर्थकों के साथ मीटिंग में बोलते-बोलते वे रो पड़े। फूट-फूट कर रोये और दिल का दर्द बयां किया। उनके समर्थकों ने उनके आंसू पोंछे और सांत्वना दी।
इस मौके का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सरफराज आलम पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तसलीमुद्दीन के बेटे हैं। समर्थकों के साथ बात करते-करते उन्होंने पिता को भी याद किया। बता दें कि RJD ने उनके छोटे भाई शाहनवाज आलम को अररिया से टिकट दिया है। इसके विरोध में उन्होंने राजद सुप्रीमो सहित तेजस्वी प्रसाद पर अपनी भड़ास निकाली।
#LokSabhaElections2024 कसूर क्या था मेरा, फूट-फूट कर रोये दिग्गज नेता; टिकट कटने से भड़के, सोशल मीडिया पर #VideoViral pic.twitter.com/qwYHSogPgO
— Khushbu Goyal (@kgoyal466) April 13, 2024
लालू-तेजस्वी पर टिकट बेचने का आरोप लगाया
सरफराज आलम ने खुद को तस्लीमुद्दीन का उत्तराधिकारी बताते हुए कहा कि बिहार खासकर सीमांचल का मुसलमान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का बंधुआ मजदूर नहीं है। राजद ने मुसलमानों का हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। पूर्व सांसद सरफराज आलम के द्वारा ईद मिलन सह-कार्यकर्ता समारोह का आयोजन किया था।
इस मौके पर जिलाभर से आए अपने समर्थकों को संबोधन करते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव पर टिकट बेचने का आरोप भी लगाया। वहीं अपने भाई पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि लालू-तेजस्वी ने अररिया से जिसे प्रत्याशी बनाया है, वह अनुकंपा वाले नेता हैं। जी हजूरी करके उन्होंने लालू-तेजस्वी की अनुकंपा पाई है।
RJD को भाजपा की बी-टीम बताया
सरफराज आलम ने कहा कि वे सीमांचल के गांधी तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं, जिसके DNA में चापलूसी और जी हजूरी नहीं है। तेजस्वी यादव के हिटलरशाही को सीमांचल के मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरे बिहार में सिर्फ अपने परिवार को टिकट दिया, बाकी जगहों पर टिकट बेचने का काम किया है। मेरे साथ राजद ने सिर्फ धोखा हीं नहीं किया, बल्कि पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
सरफराज ने कहा कि राजद ED और CBI के भय से भाजपा की बी-टीम बनकर काम कर रही है। सरफराज आलम ने कहा कि मेरे लहजे में जी हजूरी नहीं है, इससे ज्यादा मेरा कुसूर क्या था? जमीर बेचकर मैं राजनीति नहीं करता। उन्होंने समर्थकों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर राय ली।