Bihar Elections 2025: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ अभियान चलाया और होने वाले राज्य चुनावों के लिए 7.42 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की. इसको लेकर बिहार कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा है कि कांग्रेस की कई अपीलों के बाद भी ECI ने मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई है. जिसके कारण मतदाता सूची का विश्लेषण करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, ECI ने मतदाता सूची को एक समेकित सूची के रूप में उपलब्ध नहीं कराया, बल्कि इसे 90,000 अलग-अलग फाइलों के रूप में इमेज फॉर्मेट में जारी किया. ECI मतदाता सूचियों का विश्लेषण आसान बनाने में इतना हिचकिचा क्यों रहा है? उसे किस बात का डर है? वहीं ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.
कांग्रेस पार्टी ने ECI से सवाल पूछे हैं.
01- 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए, 7.72 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे. इसका मतलब है कि कुल मिलाकर, बिहार के 30 लाख लोग, जो लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता के रूप में पंजीकृत थे, अब विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता नहीं हैं. ये 30 लाख लोग कौन हैं और इनमें से कितने लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में मतदान किया?
02- चुनाव आयोग का दावा है कि बिहार में 21.53 लाख मतदाता जोड़े गए, लेकिन केवल 16.93 लाख के लिए ही फॉर्म 6 उपलब्ध है. बाकी 4.6 लाख फॉर्म कहां हैं? क्या इन मतदाताओं को बिना उचित प्रक्रिया के जोड़ा गया था?
03- SIR प्रक्रिया में 67.3 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. इनमें से दसवें हिस्से से भी ज़्यादा नाम सिर्फ 15 विधानसभा क्षेत्रों में हटाए गए हैं. चुनाव आयोग ने सभी हटाए गए मतदाताओं की अंतिम सूची और बूथ व श्रेणी के अनुसार उनका विवरण क्यों उपलब्ध नहीं कराया है?
04- हमारे विश्लेषण के अनुसार, प्रकाशित अंतिम सूची में 5 लाख से अधिक डुप्लिकेट मतदाता हैं. अगर अभी भी 5 लाख से अधिक डुप्लिकेट मतदाता हैं, तो SIR करने का क्या मतलब था? अब चुनाव आयोग इनका सत्यापन और सफाई कैसे करेगा?
सूचियों को पारदर्शी बनाने के प्रयासों का स्वागत करती है कांग्रेस
मुख्य चुनाव आयोग ने नामांकन की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक नाम शामिल करने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी है. उस तिथि तक अंतिम मतदाता सूची को रोक दिया जाना चाहिए. बाद में प्रकाशित किसी भी पूरक या अतिरिक्त सूची को मतदाता आधार में बदलाव करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. चुनाव नामांकन की अंतिम तिथि को अंतिम रूप दी गई सूची के अनुसार ही होने चाहिए. विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार मतदाता सूची में अनियमितताओं और चुनावी नतीजों में हेरफेर करने के लिए इसके इस्तेमाल की ओर इशारा करते रहे हैं. कांग्रेस पार्टी मतदाता सूचियों को साफ करने और उन्हें पारदर्शी बनाने के सभी प्रयासों का स्वागत करती है. पूछे गए उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर देना मतदाता सूचियों की सत्यनिष्ठा के बारे में जनता का विश्वास हासिल करने की दिशा में चुनाव आयोग द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
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