बिहार की राजधानी के संकल्प भवन में सोमवार 12 मई यानी आज एक समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन का कार्य प्रारंभ करेंगे। इसके तहत 6,938 पथों को सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लंबाई 12,105 किमी होगी और इसको बनाने में कुल 8,716 करोड़ का खर्च आएगा। प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के अंतर्गत ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के एक रूप में शुरू किया जाएगा।
ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण को मिली नई रफ्तार
---विज्ञापन---सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम लागू कर दिया है। इसका उद्देश्य गांवों की सड़कों का दीर्घकालिक सुदृढ़ीकरण और रखरखाव करना है। जून तक सभी ग्रामीण सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का लक्ष्य है, जबकि वित्तीय… pic.twitter.com/O6EdPUgS54
— Vijay Kumar Choudhary (@VijayKChy) April 28, 2025
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क्या है बिहार सरकार का पूरा प्लान?
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण सड़कों के नियमित रूप से व्यवस्थित पुनर्निर्माण, अपग्रेड और रेनोवेट करना है। इस कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5 साल के मेंटेनेंस पीरियड से बाहर हुए कुल 14,087 पथों के सुदृढ़ीकरण के लिए 21,733 करोड़ की प्रशासनिक मंजूरी दे दी गई है। इन पथों की कुल लंबाई 24,482 किमी है। इस कार्यक्रम के तहत अगले 7 सालों तक उन सभी ग्रामीण पथों को स्टैंडर्ड सर्विस लेवल पर बनाए रखने की व्यवस्था की गई है, जिन गांवों का 5 साल का मेंटेनेंस पीरियड या फिर त्रुटि निवारण अवधि पूरी हो चुकी है। इन सभी गांवों के पथों पर अगले 7 साल के अंदर दो बार री-सर्फेसिंग का काम कराया जाएगा। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान अगर सड़क में कोई टेक्निकल एरर पाया जाता है, तो उसका समाधान तय समय-सीमा के भीतर करना अनिवार्य होगा।
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कम होगी गांवों और शहरों के बीच दूरी
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को हमेशा एक मजबूत, सुरक्षित और आरामदायक सड़क सुविधा देना है। इस कार्यक्रम से बिहार के गांवों और शहरों के बीच न केवल दूरी कम होगी, बल्कि राज्य की सामाजिक संरचना को नया आयाम मिलेगा। साथ ही प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी। इसके तहत राज्य के किसी भी क्षेत्र से भविष्य में मात्र 4 घंटे में राजधानी पटना तक की सुगम और निर्बाध यात्रा संभव हो सकेगी।