Bihar Chunav 2025 Bettiah Vidhan Sabha Seat: बेतिया विधानसभा सीट पर मतदाताओं का रुझान कई बार बदलता दिखा है। शुरुआती आंकड़ों को देखें तो उस दौरान यहां पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां पर जीत दर्ज की। 2020 के चुनाव में ये सीट भाजपा की उम्मीदवार रेणु देवी ने जीती। बेतिया की राजनीति का समीकरण देखें तो यहां पर जातीय मुद्दों, विकास के वादों और उम्मीदवारों की लोकप्रियता का काफी असर देखने को मिला है। इस सीट का चुनावी सफर काफी दिलचस्प रहा है।
2020 चुनाव के नतीजे
बिहार की 243 सीटों में से एक बेतिया विधानसभा सीट भी है। ये सीट सामान्य श्रेणी में आती है, जो पश्चिम चंपारण जिले में आती है। साथ ही ये पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र का भी हिस्सा है। 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार रेणु देवी के हक में आए थे। उन्होंने कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी को चुनाव में शिकस्त दी थी। रेणु देवी को जनता से 84,496 वोट मिले थे। वहीं, मदन मोहन तिवारी को 66,417 वोट ही मिल पाए थे। रेणु देवी ने 18 हजार से ज्यादा वोटों से मदन मोहन तिवारी को हराया था।
ये भी पढ़ें: बिहार चुनाव में मुस्लिम वोट कितना अहम, 50 सीटों पर गेमचेंजर वोटर को कैसे साधेंगी राजनीतिक पार्टियां?
सत्याग्रह आंदोलन की हुई थी शुरुआत
चुनाव के अलावा ये क्षेत्र और भी कई मायनों में खास है। दरअसल, यह इलाका बिहार के उत्तर-पश्चिमी तराई क्षेत्रों में है, जो नेपाल बॉर्डर से जुड़ा हुआ है। साथ ही यह एक ऐतिहासिक चंपारण क्षेत्र का भी हिस्सा है, जहां से महात्मा गांधी ने अपने पहले सत्याग्रह आंदोलन (1917) की शुरुआत की थी। इस सीट को शुरुआती दशकों में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
कांग्रेस ने 1952 से 1985 के बीच हुए 10 में से 9 चुनाव में जीत हासिल की थी। इसमें 1967 में ही हार का सामना करना पड़ा था। बेतिया विधानसभा सीट पर भाजपा ने 1990 में पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद से अब तक कुल 6 बार BJP यहां से चुनाव जीत चुकी है।
ये भी पढ़ें: NCC कैडेट के लिए बिहार सरकार का बड़ा ऐलान, शिविरों में जाने के लिए थर्ड एसी में यात्रा की छूट