Saharsa Crime News: बिहार के सहरसा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 34 साल पुराने मामले में पुलिस को एक पूर्व हवलदार की तलाश है। आरोपी ने सहरसा रेलवे स्टेशन पर सब्जी की पोटली लेकर आ रही एक महिला से 20 रुपये की रिश्वत ली थी। महिला का नाम सीता देवी था। अब कोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए हैं। सहरसा के विशेष निगरानी जज सुदेश श्रीवास्तव ने डीजीपी को आदेश जारी किए हैं।
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कोर्ट ने कहा है कि फौरन आरोपी को गिरफ्तार कर पेश किया जाए। विशेष न्यायाधीश की ओर से इस बाबत उनको लेटर लिखा गया है। जिसमें जिक्र किया गया है कि पटना हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है। आरोपी 1999 से फरार है। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। कोर्ट ने पहले आरोपी की संपत्ति कुर्क करने के आदेश भी दिए थे। जिनको पुलिस पूरा नहीं करवा सकी है।
आरोपी शातिर, महकमे में लिखवाया गलत पता
आरोपी काफी शातिर है। उसने महकमे के अधिकारियों को गलत पता लिखवाया था। आरोपी को रंगेहाथ रिश्वत लेते दबोचा गया था। पटना हाई कोर्ट ने पुराने लंबित मामलों पर सुनवाई के दौरान हवलदार की चालाकी पर सख्ती दिखाई है। आरोपी 21 दिसंबर 1999 के बाद कई तारीखों पर सुनवाई के लिए पेश नहीं हुआ है। अब उसके बॉन्ड को रद्द कर गिरफ्तारी के वारंट जारी किए गए हैं।
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जुलाई में विशेष निगरानी न्यायाधीश सुदेश श्रीवास्तव की अदालत ने एक कर्मचारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के राजस्व कर्मचारी रहे कैलाश रजक पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की तीन धाराओं में कर्मचारी को रिश्वत लेते दोषी पाया गया था। आरोपी कर्मचारी ने शैन गांव के रहने वाले संदीप प्रसाद से रिश्वत ली थी। मामला जमीन खरीदने का था। जुलाई 2016 में आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था।