Bihar News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को राम और रावण के बीच भेद बताते हुए कहा कि कौन कहता है कि रावण राक्षण था? हम तो कह रहे हैं रावण विद्वान था, राम से ज्यादा कर्मठ था। रावण के साथ अन्याय हुआ है। राम हो या रावण सभी काल्पनिक थे।
मांझी ने कहा कि राम से ज्यादा बड़ा रावण का चरित्र था। राम कभी गरीबी में होते थे तो उनके लिए कुछ अलौकिक सेवाएं आती थीं। रावण के लिए कुछ नहीं आता था। इसलिए रावण बड़े थे।
"राम से ज़्यादा कर्मठ रावण था, रावण के साथ अन्याय हुआ"
◆ बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी का बयान
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— News24 (@news24tvchannel) March 17, 2023
हमने राम को काल्पनिक बताया तो गुनहगार हो गया
मांझी ने कहा कि राहुल सांकृत्याय और लोकमान्य तिलक ने राम को काल्पनिक कहा था। डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी कहा गया कि राम काल्पनिक हैं। राम को काल्पनिक कहने वाले वे लोग ब्राह्मण थे तो कोई बात नहीं लेकिन हम कह दिए तो गुनाह हो गया।
मनुवादियों ने तुलसीदास की कराई पूजा
मांझी ने मनुवाद का जिक्र करते हुए कहा कि रामायण तो वाल्मिकी ने भी लिखी थी लेकिन लोग तुलसीदास की पूजा करते हैं। मनुवादी व्यवस्था वालों ने ऐसा किया है। रामचरित मानस बहुत अच्छी किताब है, लेकिन बहुत सी बातें गलत हैं। इसीलिए अंबेडकर ने भी कहा था था कि उसमें जो कचरा है, उसे हटा देना चाहिए।
सदन में धार्मिक नारे लगाना गलत
जीतन राम मांझी ने विधानसभा में हंगामे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोग सदन में गलत आचरण करते हैं। कोई हनुमान चालीसा पढ़ता है तो कुछ पढ़ता है। ये उचित नहीं है। कुछ लोग नारा भी लोग लगाते हैं। धार्मिक आधार पर नारा लगता है। ये सब ठीक नहीं है। अगर ये परंपरा आगे बढ़ेगी तो अच्छा नहीं होगा।
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