Bihar Hooch Tragedy: बिहार (Bihar) में जहरीली शराब से 60 से ज्यादा मौतों का मामला गर्माता जा रहा है। शुक्रवार को बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर भाजपा सांसद सुशील मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार को एक बार फिर से शराब नीति की समीक्षा करनी चाहिए। बता दें कि विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था, शराब पीकर कोई मरेगा तो क्या सरकार मुआवजा देगी। एक पैसा नहीं देंगे।
सुशील मोदी ने कहा- आंकड़ों को छिपा रही है सरकार
सीएम नीतीश कुमार के बयान पर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि इस तरह का बयान देकर बिहार को शर्मसार किया जा रहा है। छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से पार हो गई है, लेकिन सरकार के मुताबिक 15-20 लोग ही मरे हैं। सरकार आंकड़ों को छिपा रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने लोगों की लाशों को दूसरे राज्यों में ले जाकर दफना रहे हैं।
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"बिहार सरकार मौत के आंकड़ों को छिपा रही है, कई लोगों की तो आंखों की रोशनी तक चली गई है"
---विज्ञापन---◆ BJP सांसद @SushilModi pic.twitter.com/kYdqUPSKYB
— News24 (@news24tvchannel) December 16, 2022
कई दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी गई
सुशील मोदी ने कहा कि दो दर्जन से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, लेकिन सरकार बार-बार कह रही है कि जो पीएगा वो मरेगा। उन्होंने कहा कि जो शराब पीए वो जेल जाए तो समझ में भी आता है, क्योंकि बिहार में शराबबंदी का कानून भी है। लेकिन ये दलित और पिछड़ा विरोधी सरकार है।
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शराब के सप्लायरों को गिरफ्तार नहीं किया गया
उन्होंने कहा कि 4 लाख से ज्यादा लोगों को जेलों में बंद कर दिया, लेकिन सप्लायर एक भी गिरफ्तार नहीं हो रहा है। जिन लोगों का यही व्यवसाय था वो आज बेरोजगार हो गए। शराबबंदी के कारण बिहार को 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, फिर भी हमने सरकार का साथ दिया।
हम शराबबंदी के पक्ष में, लेकिन समीक्षा की जरूरत
एक ओर 30 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो गया। दूसरी ओर जहरीली शराब पीकर एक हजार से ज्यादा लोग मर गए हैं। तीसरी ओर चार लाख से ज्यादा लोग जेलों में बंद हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि नीतीश सरकार की ये कैसी शराब नीति है? इस नीति पर विचार किया जाना चाहिए। हम आपके साथ खड़े हैं। हम भी शराबबंदी के पक्ष में हैं, लेकिन बिहार सरकार को एक बार फिर शराब नीति पर विचार करना चाहिए।
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