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बिहार

Bihar Election 2025: कांग्रेस का चुनावी दांव, अति पिछड़ों को साधने के लिए नई रणनीति

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इससे पहले कांग्रेस अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी है। पार्टी की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है जिसकी बिहार की आबादी में 27.12 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jun 2, 2025 10:29
Congress EBC Strategy Bihar Election 2025
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Pic Credit- ANI)

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर पकड़ रही है, और इसी कड़ी में कांग्रेस ने अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को लुभाने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। पार्टी ने एलान किया है कि वह EBC समुदाय को उनकी जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी देगी। कांग्रेस के इस कदम ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।

यह घोषणा रविवार को पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम अतिपिछड़ों का सवाल बनाम कांग्रेस की भूमिका के दौरान की गई। इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए अति पिछड़ा समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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बैठक में पारित किया प्रस्ताव

कार्यक्रम में कांग्रेस ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध संघर्ष का संकल्प लिया। पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा उसके राजनीतिक एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगा। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और सह प्रभारी सुशील पासी भी मौजूद थे।

कार्यक्रम को  प्रो. शिव जनतन ठाकुर, अली अनवर, डॉ. केपी सिंह, चंद्रदेव कुमार चौधरी और नीलू कुमारी जैसे सामाजिक नेताओं ने संबोधित किया। उन्होंने इसे केवल अभिनंदन समारोह न मानकर, अति पिछड़ा समाज की आवाज को मुख्यधारा की राजनीति में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल बताया। इस कार्यक्रम के दौरान अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के नव-नियुक्त चेयरमैन शशि भूषण पंडित का सम्मान भी किया गया।

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कांग्रेस की नजर अति पिछड़ा वोटर्स पर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम बिहार की सियासी बिसात पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि अति पिछड़ा वर्ग राज्य का एक अहम वोट बैंक है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह रणनीति आगामी चुनावों में कितनी कारगर साबित होती है और अन्य दल इसकी काट कैसे निकालते हैं।

राजनीतिक आधार पर भी पिछड़ा है EBC

बिहार में चुनाव से पहले कांग्रेस लगातार अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। इसी क्रम में पार्टी की नजर अति पिछड़ा वोट पर है। बिहार के जातीय सर्वे के आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में 27.12 प्रतिशत आबादी अति पिछड़ा वर्ग की है। इस वर्ग में मल्लाह, कानू, चंद्रवंशी, नोनिया, नाई जैसी जातियां शामिल हैं। ये जातियां सामाजिक और आर्थिक रूप से नहीं बल्कि राजनीतिक आधार पर भी पिछड़ी है। बीजेपी और एनडीए ने अति पिछड़ों के सबसे बड़े रहनुमा पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न ने सम्मानित किया। इसके अलावा उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को केंद्र में मंत्री भी बनवाया।

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बिहार का वोटिंग पैटर्न बढ़ा रहा चिंता

ऐसे में अब कांग्रेस की नजर इस वोटबैंक पर है क्योंकि यह वोट बैंक आरजेडी के पास भी नहीं है। कांग्रेस की कोशिश बीजेपी और जेडीयू के वोटबैंक में सेंधमारी की है। ऐसे में कांग्रेस का निशाना दलित, ओबीसी और ईबीसी वोट बैंक पर हैं। एक बात जो जानना जरूरी है वो ये है कि बिहार में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न अलग-अलग होता है। ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता है कि लोकसभा में हावी रही एनडीए विधानसभा में अपना प्रदर्शन दोहराएगी। अब देखना यह है कि कांग्रेस अपनी नई रणनीति से एनडीए और बीजेपी का कितना नुकसान कर पाती है।

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First published on: Jun 02, 2025 10:27 AM

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