Bihar Election 2025 BJP Ticket: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में मंथन चल रहा है. सीट शेयरिंग पर फिलहाल पेंच फंसा है. दूसरी ओर, चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवारों को लेकर बड़े फेरबदल की तैयारी में दिखाई दे रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार करीब 20 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं, जबकि 2020 में हार चुके लगभग 10 उम्मीदवारों को भी दोबारा मौका नहीं मिलेगा. यानी कुल मिलाकर 30–35 फीसदी सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारा जा सकता है. बीजेपी की रणनीति साफ है- नए और युवा उम्मीदवारों के सहारे विधानसभा-वार एंटी इनकम्बेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर को कम करना.
ये हो सकता है समीकरण
बताया जा रहा है कि पार्टी ने टिकट काटने के लिए कई मानक निर्धारित किए हैं. जानकारी के मुताबिक बिहार में बीजेपी के ऐसे 6 विधायक हैं, जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर हो चुकी है. दूसरी ओर, पिछले विधानसभा चुनाव में कम अंतर से हारने वाले विधायकों पर भी पार्टी की नजर है. जानकारी के अनुसार, 6 सीटों पर जीत-हार का अंतर 3,000 वोटों से भी कम रहा, जबकि 8 सीटों पर यह अंतर 2,000 वोट से नीचे चला गया था. वहीं, 13 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार 11,000 से ज्यादा वोटों से हार गए थे. ऐसी सीटों पर टिकट वितरण में बदलाव तय माना जा रहा है.
टिकट वितरण की समीक्षा शुरू
सूत्रों के अनुसार, चुनाव को लेकर तैयारी और टिकट वितरण की रणनीति पर शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू हो चुका है. शनिवार को पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पटना पहुंचे. जहां उन्होंने कोर कमेटी की बैठक में टिकट वितरण के मामले की समीक्षा की. इसी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 18 और 27 सितंबर को पटना में क्षेत्रीय बैठकों की अध्यक्षता करने वाले हैं. पार्टी की ओर से बिहार को 5 जोन में बांटा गया है. इन्हीं बैठकों में प्रत्याशियों की स्क्रूटनी को आगे बढ़ाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: प्रेशर पॉलिटिक्स या महागठबंधन में सब सही नहीं, तेजस्वी के नए ऐलान के क्या हैं मायने?
बीजेपी हर सीट की कर रही है गहन जांच
बीजेपी की ओर से इस बार प्रत्याशी चयन को लेकर बेहद सतर्कता बरती जा रही है. जानकारी के अनुसार, हर विधानसभा सीट से 5–7 संभावित नाम जुटाए जा रहे हैं. इनमें से 2–3 विकल्पों को राज्य चुनाव समिति की ओर से दिल्ली भेजा जाएगा, फिर अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) लेगी. उम्मीदवार तय करने से पहले संगठन सर्वे रिपोर्ट, जिलाध्यक्षों का फीडबैक और पिछले चुनावों के प्रदर्शन जैसे मानकों को तवज्जो दी जाएगी.
ये भी पढ़ें: ‘बिहार में टूट जाएगा NDA गठबंधन’, RLJP अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने किया बड़ा दावा
एंटी इनकम्बेंसी को कम करने की जुगत
संगठन का कहना है कि उम्र, प्रदर्शन और सक्रियता जैसे मानकों पर ही टिकट वितरण का फैसला लिया जाएगा. हमारी पार्टी की रणनीति स्पष्ट है- जरूरत के अनुसार बदलाव किया जाएगा. मौजूदा विधायकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और एंटी इनकम्बेंसी को तोड़ने के लिए युवा और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जा रही है.










