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बिहार

गया में बनेगा Bihar का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया, राज्य के लोगों को मिलेगी नौकरी

बिहार के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल एरिया का विकास गया के पास डोभी प्रखंड में किया जा रहा है। इसके लिए 1 हजार 670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर (Amritsar-Kolkata Corridor) प्रोजेक्ट के तहत गया में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण कराया जा रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Jun 27, 2025 13:40

बिहार में अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (AKIC) के तहत इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर(आईएमसी) गया को राज्य की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल टाउनशिप के रूप में विकसित किया जा रहा है। बिहार के गया जिले के शेरघाटी सब डिवीजन के डोभी ब्लॉक में 1670 एकड़ भूमि पर फैली आईएमसी प्रोजेक्ट को 462.14 करोड़ रुपये की भूमि लागत समेत 1339 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। गया में इंडस्ट्रियल नोड के पूरा हो जाने के बाद यह मैन्युफैक्चरिंग इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करेगा। इससे बड़े पैमाने पर नौकरी के अवसर मिलने के साथ-साथ रीजनल डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने परियोजना की विस्तार से समीक्षा की है। मार्च 2026 के आखिर तक एजेंसी के चयन पर फैसला लेने का निर्देश दिया है। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा इस उद्देश्य के लिए भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है।

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बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल टाउनशिप

मीना ने कहा कि यह बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल टाउनशिप होगा। इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए ईपीसी टेंडर जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है। ईपीसी कॉन्ट्रैक्ट में एक ही ठेकेदार परियोजना के सभी पहलुओं के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें डिजाइन (इंजीनियरिंग), सामग्री और इक्विपमेंट की खरीद और भौतिक निर्माण शामिल हैं। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NICDC) के सलाह से टेंडर को फाइनल टच दिया जा रहा है।

कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम 5 राज्यों में लागू 

केंद्र सरकार द्वारा विकसित किए जा रहे 11 इंडस्ट्रियल गलियारों में से आईएमसी गया की स्थापना एकेआईसी परियोजना के तहत की जा रही है। इसे नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार के सहयोग से 5 राज्यों में लागू किया जा रहा है। आईएमसी गया में स्थापित किए जाने वाले प्रस्तावित केंद्रित क्षेत्रों में एग्रीकल्चर और फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड कपड़े, टेक इंडस्ट्री शामिल हैं।

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क्या है परियोजना का लक्ष्य? 

इस परियोजना का लक्ष्य 16,524 करोड़ का निवेश आकर्षित करना और पूरा होने पर 109,000 से अधिक नौकरियां पैदा करना है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और प्लग-एन-प्ले सुविधाओं के साथ डिजाइन की गई यह मार्केट ड्राइवन प्रोजेक्ट और निवेश के अनुकूल इकोसिस्टम देगी।

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 28 अगस्त, 2024 को परियोजना को अपनी मंजूरी दी, जबकि पर्यावरण और वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 18 मार्च, 2025 को पर्यावरणीय मंजूरी दी। इस उद्देश्य के लिए 06 जनवरी, 2025 को एक एसपीवी बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड 16, 2025 को 142 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से साइट को स्वर्णिम चतुर्भुज (एनएच -19, जीटी रोड) से जोड़ने के लिए लगभग 7 किलोमीटर के ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट को मंजूरी दी गई।

कई पॉलिसी में सुधार

इसके अलावा राज्य सरकार ने बिजनेस करने में आसानी को लेकर कई पॉलिसी से जुड़े सुधार किए हैं। गया एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स है, जो इंटरनेशनल टूरिज्म के लिए एक स्थापित आकर्षण है और आईएमसी के विकास से ओवरऑल एरिया में और ज्यादा आर्थिक मूल्य जुड़ेगा। वोकेशनल और टेक्निकल इंस्टिट्यूट, आईआईएम, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज, आईटीआई के साथ-साथ कुशल जनशक्ति की उपलब्धता इंडस्ट्रियल यूनिट्स के लिए एक आदर्श जगह बनेगी।

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First published on: Jun 27, 2025 01:36 PM

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