गणेश कुमार, औरंगाबाद।
बिहार के औरंगाबाद जिले में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक उपभोक्ता को 3 करोड़ 7 लाख से ज्यादा का बिजली बिल आया है। मामला दाउदनगर प्रखंड के मनार पंचायत के ममरेजपुर गांव का है। ममरेजपुर गांव निवासी उपभोक्ता दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि उन्हें कुल 3 करोड़ 7 लाख 77 हजार रुपये का बिजली बिल आया है, वो भी केवल एक महीने में। उन्होंने बताया कि उसके घर में मात्र 3 बल्ब और एक पंखे हैं और दिन में उनका घर खाली ही रहता है, रात में भी बिजली का कम ही इस्तेमाल होता है।
सुधार के लिए काट रहा बिजली विभाग का चक्कर
अब वह बिल में सुधार के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों का चक्कर काट रहा है। दीपक ने बताया कि उसके घर में तीन ही कमरे हैं, जिसमें से सिर्फ एक कमरे में एक पंखा लगा है और बाकी कमरे में सिर्फ बल्ब लगा है। दीपक रफीगंज थाना में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि पिछ्ले महीने ही 24 मार्च को दो माह का बकाया बिजली बिल 228 रुपये समय से जमा किया था।
बिजली बिल देखकर उड़े होश
दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि इसका खुलासा तो तब हुआ जब 17 अप्रैल को मीटर रीडर विवेक कुमार रीडिंग लेने आया। मीटर रीडर ने बिल निकाला और बिल देखकर जल्दबाजी में उसे फाड़ डाला। पूछे जाने पर बाद में बिल निकालकर देने की बात कह मीटर रीडर वहां से चला गया। उसे ऐसा करता देख दीपक को कुछ संदेह हुआ। उसने इंटरनेट से बिजली बिल निकाला और जब उसे देखा तो उसके होश उड़ गए। बिल देखकर जब उसके पिता ने इसका विरोध किया तो बिजली कर्मचारी ने कहा कि बिल में सुधार कर रसीद दिया जाएगा, लेकिन अब तक उन्हें कोई नई रसीद या बिल नहीं दिया गया है।
ज्यादा बिल के नाम पर वसूली का भी धंधा!
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की गड़बड़ियां पहले भी हुई हैं। मीटर रीडर अक्सर ‘समझौते’ के नाम पर पैसे वसूलते हैं। उन्होंने बताया कि उसके घर में 2021 में बिजली विभाग ने नया मीटर लगाया था। इसके बावजूद करोड़ों रुपये का बिल थमा दिए जाने से साफ है कि बिजली विभाग के पूरे सिस्टम में ही झोल है। लोगों ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, विद्युत विभाग के कनीय अभियंता मनोज कुमार सिंह इसे तकनीकी भूल मानते हैं और उनका कहना है कि इसमें सुधार कर दिया जाएगा।उपभोक्ता को चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है।