अरुण कुमार, अररिया
बिहार विधानसभा 2025 को लेकर जहां राजनीतिक पार्टियों की तैयारी जोर पर है, वहीं जनता के बीच भी चुनाव को लेकर काफी उत्साह है। बिहार विधानसभा 2025 कई वजहों से खास होने वाला है। इनमें से एक वजह पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के दोनों बेटे हैं, जो बिहार विधानसभा में एक-दूसरे के सामने खड़े हैं। दोनों भाइयों के बीच लोकसभा चुनाव के समय से ही जंग छिड़ी हुई है।
धरना प्रदर्शन की जगह पर बढ़ा बवाल
दरअसल, जोकीहाट के विधायक शाहनवाज आलम ने 22 अप्रैल को समर्थकों के साथ मीटिंग की। इसमें उन्होंने 29 अप्रैल को उदाहाट हाई स्कूल मैदान में वक्फ संशोधन 2025 को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था। लेकिन इसी बीच उनके बड़े भाई सरफराज आलम ने वक्फ संशोधन 2025 को लेकर ही ठीक एक दिन पहले उसी हाई स्कूल मैदान में धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, पूर्व सांसद सरफराज आलम ने 28 अप्रैल को इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्वीकृति भी ले ली। वहीं, विधायक शाहनवाज आलम ने भी 29 अप्रैल के कार्यक्रम के लिए प्रशासनिक अनुमति ली थी।
शाहनवाज आलम की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अब इसी बात को लेकर दोनों भाइयों के बीच खींचतान बढ़ गई। इसको लेकर जोकीहाट सिसौना में विधायक शाहनवाज आलम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस पीसी में शाहनवाज आलम अपने बड़े भाई सरफराज आलम के खिलाफ मुखर हुए। उन्होंने अपने बड़े भाई का नाम लिए बिना उसी स्थान पर कार्यक्रम किए जाने को लेकर सवाल उठाया। शाहनवाज आलम ने कहा कि वह फिर से अपनी ताकतों से मिले हुए हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में अमित शाह और नरेंद्र मोदी को जीताने का काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप सिंह के तलवे चाटने में वे लगे रहे और महागठबंधन के उम्मीदवार उन्हें हराने का काम किया।
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जनता को बरगलाने का आरोप
शाहनवाज आलम ने सरफराज आलम पर जनता को बरगलाने का आरोप लगाया है। शाहनवाज आलम ने कहा कि धरना प्रदर्शन से पहले वह अपनी करतूत ठीक करें। उन्होंने अपने बड़े भाई की नियत पर भी सवाल खड़ा किया। शाहनवाज आलम ने कहा कि 22 अप्रैल को हुई मीटिंग में वक्फ मामले को लेकर बनाए गए कानून के खिलाफ 29 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला हुआ था। इसके बाद ठीक एक दिन पहले उसी स्थान पर धरना प्रदर्शन समझ से परे है।