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बिहार

दो देशों की सरहद पर बसा एक अनोखा गांव…, आधा भारत, आधा नेपाल

Raxaul News: भारत और नेपाल की 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा के बीच बसा मुसहरी गांव अपनी अनोखी भौगोलिक स्थिति के कारण चर्चा में है. इस गांव की खासियत यह है कि यहां घर का आंगन भारत में है, तो दालान नेपाल की सीमा में है. पढ़िए रक्सौल से अमिताभ कुमार ओझा की रिपोर्ट.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : sachin ahlawat Updated: Sep 13, 2025 19:58
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नेपाल बॉर्डर

Raxaul News: भारत और नेपाल की 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा के बीच बसा मुसहरी गांव अपनी अनोखी भौगोलिक स्थिति के कारण चर्चा में है. इस गांव की खासियत यह है कि यहां घर का आंगन भारत में है, तो दालान नेपाल की सीमा में है. दुर्गा पूजा का पंडाल नेपाल में सजता है, तो देवी प्रतिमा भारत में स्थापित होती है.

गांव का आधा हिस्सा भारत में आधा नेपाल में

मुसहरी गांव में रहने वालों के लिए यह कोई अजीब बात नहीं, लेकिन बाहरी लोग देखकर हैरान हो जाते हैं. इस गांव का आधा हिस्सा भारत और आधा हिस्सा नेपाल में है. इन दोनों हिस्सों के बीच में केवल एक सीमा स्तंभ नंबर 839, जो दोनों देशों की सीमाओं को दर्शाता है. हालांकि नेपाल में हालिया तनाव और कैदियों के भागने की घटनाओं के बाद नेपाल से सटी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. बॉर्डर पर एसएसबी और नेपाल सीमा प्रहरी 24 घंटे तैनात रहते हैं. बिहार में शराबबंदी के कारण लोग अक्सर सीमा पार करके नेपाल में दाखिल होते थे.

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दोनों गांव के लोग पारिवारिक रिश्तों में होते हैं शामिल

वहीं इस गांव में रहने वाले ग्रामीण और नेपाल की तरह के लोग दोनों एक दूसरे के त्योहार, शादी-ब्याह और पारिवारिक रिश्तों में बराबर शामिल होते हैं. गांव का ब्रह्म स्थान भारत में है, तो छठ पूजा के लिए लोग नेपाल जाते हैं. यहां कई परिवारों के सदस्य भारत और नेपाल के अलग-अलग नागरिक हैं. नेपाल के ताज़ा हालात को लेकर यहां अंतर सिर्फ इतना आया है कि एसएसबी की सख़्ती थोड़ी बढ़ गई है. गांव के बुजुर्ग सूरज प्रसाद कहते है की भले ही यह पिलर और ये सुरक्षा प्रहरी हमें अलग करते है, लेकिन हम एक परिवार की तरह रहते है. गांव के स्कूल में भी कई नेपाली मुसहरी के बच्चे पढ़ते है, क्योंकि नेपाल के स्कूलों में खिचड़ी नहीं मिलती है. यह गांव भारत-नेपाल की गहरी दोस्ती का सबूत है.

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First published on: Sep 13, 2025 07:58 PM

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