जयपुर: दिवाली पर्व पर इस बार दिल्ली सरकार ने पटाखे जलाने और बेचने दोनों पर रोक लगा दी है। राजस्थान गृह विभाग ने कोरोना के समय के ही गाइडलाइन को फिर से लागू किया है। जिसके तहत रात 8 बजे से 10 बजे तक ही आतिशबाजी की जाएगी। वहीं अलवर और भरतपुर में पटाखों पर बैन रहेगा।
इस निर्णय के बाद अब प्रदेश के 31 जिलों में दो घंटे यानी रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन आतिशबाजी की जा सकेगी। खास बात यह है कि दिल्ली से सटे रहने के कारण भरतपुर और अलवर में पटाखों पर रोक लगाई गई है। उधर, जोधपुर में धारा 144 लागू है। धारा 144 के जोधपुर पुलिस आयुक्तालय ने आदेश जारी किए है।
गृह विभाग की गाइड लाइंस के अनुसार इस बार भी इको फ्रेंडली ग्रीन पटाखे और ग्रीन आतिशबाजी की ही अनुमति होगी। ज्यादा शोर करनेवाले और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे नहीं चला सकेंगे। दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही ग्रीन आतिशबाजी कर सकेंगे। रात 8 बजे से पहले और रात 10 बजे बाद किसी तरह की आतिशबाजी और पटाखे चलाने पर रोक रहेगी।
वहीं 31 जिलों में इस बार केवल ग्रीन पटाखे, ग्रीन पटाखे बेचने के ही लाइसेंस दिए गए हैं। गृह विभाग ने सभी कलेक्टर और जयपुर-जोधपुर पुलिस कमिश्नर को पटाखों की गाइडलाइन के निर्देश भेज दिए हैं। गाइडलाइन के अनुसार दीपावली पर इन जिलों में केवल दो घंटे ग्रीन आतिशबाजी कर सकेंगे।
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उधर, दिल्ली हाई कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ याचिका खारिज की है। कोर्ट के समक्ष विचाराधीन होने के मद्देनजर एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस याचिका में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने को चुनौती दी गई थी। जस्टिस यशवंत वर्मा ने उन दो व्यापारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें त्योहारों के दौरान केवल हरित पटाखे खरीदने, बेचने और भंडारण करने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया गया था।
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