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Azadi Ka Amrit Mahotsav: इनकी पीआईएल पर कोर्ट ने अवैध स्पीडब्रेकर हटाने का ऑर्डर दिया, 40 चौराहे करवा चुके हैं सिग्नल फ्री, जानें इस शख्स के बारे में 

अमित कसाना, नई दिल्ली: देश की आजादी को 75 साल पूरे हो चुकें हैं। केंद्र सरकार आजादी का अमृत मोहत्सव मना रही है। ऐसे में हम आपके लिए ऐसे लोगों व गैर सरकारी संस्थाओं की कहानियां लेकर आएं हैं जो देश में किसी न किसी राज्य में वहां मौजूद बुनियादी ढ़ांचागत सुविधाओं में सुधार के […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Aug 6, 2022 19:22
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अमित कसाना, नई दिल्ली: देश की आजादी को 75 साल पूरे हो चुकें हैं। केंद्र सरकार आजादी का अमृत मोहत्सव मना रही है। ऐसे में हम आपके लिए ऐसे लोगों व गैर सरकारी संस्थाओं की कहानियां लेकर आएं हैं जो देश में किसी न किसी राज्य में वहां मौजूद बुनियादी ढ़ांचागत सुविधाओं में सुधार के लिए काम कर रही है। पेश है एक रिपोर्ट

जाम हर शहर की समस्या

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दिल्ली समेत देश के मेट्रो सिटी में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। राजधानी के रोहिणी में रहने वाले अतुल रणजीत कुमार ने सड़क सुरक्षा, सड़क सुधार पर काम करने की ठानी। एक जापानी कंपनी में एडमिन डिपार्टमेंट काम करने वाले अतुल की शुरूआत वर्ष 2014 में हुई जब वह एक दिन ऑफिस जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में कई जगह मुख्य मार्गों, फ्लाईओवरों व सड़कों पर स्पीडब्रेकर देखे। जानकारी जुटाई तो पता चला यह सब अवैध रूप से बिना किसी अनुमति व सर्वे के बनाए गए।

हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया

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इन्हें हटवाने के लिए जब वह सिविक एजेंसियों के ऑफिसों में जाकर व पत्राचार कर थक गए तो दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की। कोर्ट में वर्ष 2014 से 2018 तक सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली की सड़कों से अवैध स्पीडब्रेकर हटाए। अतुल बतातें हैं पिछले कुछ सालों में कई जगह इन्हें दोबारा भी बनाया गया है। जिन्हें हटवाने के लिए वह सिविक एजेंसियों से संपर्क में हैं।

40 चौराहे सिग्नल फ्री

बाद में जब लोग अतुल के पास अपनी समस्या लेकर आने लगे तो इन्होंने गुरू हनुमान सोसाइटी ऑफ इण्डिया एनजीओ पंजीकरण करवाई। अब तक दिल्ली के बुराड़ी, चिराग दिल्ली, मजनूं का टीला, नरेला आदि समेत 40 बड़े इंटरसेक्शन पर लालबत्ती बंद करवाकर उन्हें सिग्नल फ्री करवा चुकें हैं। इन चौराहों के आसपास वाहनों के आने-जाने के लिए यूटर्न बनाए गए हैं। लालबत्ती खत्म होने से लोगों का ट्रेवल टाइम घटा है। ईंधन की खपत, प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिली है।

बुनियादी ढ़ांचे में सुधार 

अतुल के मुताबिक उनके पिता डीटीसी में काम करते थे। वह स्थानीय आरडब्ल्यू में पदाधिकारी थे। आसपास के लोग उनके पास काम के लिए आते। जिससे समाज सेवा व समाज सुधार के लिए काम करने के लिए उनके मन में भी इच्छा पैदान हुई। 2014 में उनके पिता की मृत्यु हो गई। लेकिन समाज की बेहतरी के लिए काम करने का बीड़ा उन्होंने उठा लिया। अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए वह बताते हैं कि उनकी अर्जी पर अब तक दिल्ली के  निजामपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाया गया। मुनक नहर, बादली और रोहिणी पर में दो पुल का निर्माण।, 100 सड़कों और फ्लाईओवर आदि  का सुंदरीकरण आदि सड़क सुधार के कई काम हुए हैं। कई पर वह अब भी काम कर रहें हैं।

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Aug 06, 2022 07:14 PM
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