नई दिल्ली: भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सोमवार को अपने जीवन की हाफ सेंचुरी पूरी की। सोशल मीडिया पर 50 साल के सचिन को बधाई देने के लिए तांता लग गया। सचिन के फैंस और उनके पूर्व साथियों ने मास्टर ब्लास्टर के किस्से याद किए। इसमें एक ऐसा किस्सा शामिल रहा, जिसे आज से पहले शायद किसी ने नहीं सुना हो।
‘मेरे को ये बल्ला देगा क्या?’
11 टेस्ट और 37 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) के सहायक कोच प्रवीण आमरे ने सचिन के बर्थडे पर एक दिलचस्प किस्सा याद किया है। डीसी के सोशल मीडिया चैनलों पर शेयर किए गए वीडियो में आमरे ने कहा- 1993 में ‘प्रसाद प्रधान’ नाम का एक खिलाड़ी था। हम उसके लिए पुणे में एक बेनेफिट मैच खेलने गए थे। स्थानीय क्रिकेटर्स भी इसके लिए आए थे, इसलिए वहां बहुत सारे बल्ले रखे गए थे।
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वहां सचिन को अचानक क्या सूझा और उसने एक बल्ला उठा लिया। वह इसे आजमाकर देखने लगा। खास बात यह है कि बल्ले पर किसी ब्रांड का स्टीकर नहीं था, वह एकदम सादा था। जिसका बल्ला था, सचिन ने उससे पूछा- ‘मेरे को ये बल्ला देगा क्या?’
इस बल्ले से पांच इंटरनेशनल शतक जमाए
ये सुनकर लड़का बहुत खुश हो गया, उसने कहा क्यों नहीं। इसके बाद सचिन ने इसके बदले में उसे पांच बल्ले दिए। चूंकि मैं उसका रूम पार्टनर था, मैंने देखा कि सचिन ने बल्ला लिया और इस पर ब्रैंड्स के स्टिकर चिपका दिए। मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि उसने इस बल्ले के साथ पांच इंटरनेशनल शतक जमाए। आमरे ने आगे कहा- मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि सचिन में कम उम्र से ही अच्छे बल्ले की पहचान करने की क्षमता थी।
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युवराज सिंह का बल्ला ठीक किया
हाल ही युवराज सिंह ने भी सचिन के बल्ले से जुड़ा किस्सा शेयर किया था। उन्होंने तेंदुलकर की टूटे हुए बल्ले को ठीक करने की क्षमता के बारे में बताया। युवराज ने कहा- 2011 विश्व कप के दौरान मेरा बल्ला पूरी तरह से टूट गया था। हम नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेल रहे थे और मेरा बल्ला नीचे से पूरी तरह टूट गया था। ये देख सचिन ने कुछ कीलें लगाईं और इसे कैसे ठीक कर दिया।
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