नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट मैच गुरुवार से अहमदाबाद में शुरू हुआ। हालांकि बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में अब तक स्पिनर्स को पिच से मदद मिलती रही है, लेकिन चौथे टेस्ट में स्पिनर्स थोड़ा संघर्ष करते नजर आए। पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर 255 रन बना लिए हैं। उस्मान ख्वाजा 104 और कैमरन ग्रीन 49 रन बनाकर नाबाद हैं। ऑस्ट्रेलिया फिलहाल मजबूत स्थिति में दिख रही है। इस बीच सीरीज में तेज गेंदबाजों को रोटेट करने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
कोच पारस म्हाम्ब्रे ने किया बचाव
हालांकि गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने इस फैसले का बचाव किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस फैसले से तेज गेंदबाजों को फायदा होगा। चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए शमी प्लेइंग इलेवन में वापस आ गए हैं, जबकि सिराज को आराम दिया गया है। म्हाम्ब्रे ने कहा- आपको हर गेंदबाज के व्यक्तिगत कार्यभार को भी देखना होता है। मुझे लगता है कि जिस तरह से हमने शमी को देखा, हमें उसे वह ब्रेक देने की जरूरत थी और यह हमारे लिए एक मौका था कि सिराज या उमेश जैसे खिलाड़ी को भी मैच मिल जाए। हमें उस पर भी गौर करने की जरूरत है।
Stumps on Day 1️⃣ of the Fourth #INDvAUS Test!
---विज्ञापन---2️⃣ wickets in the final session as Australia finish the opening day with 255/4 on board.
We will be back tomorrow as another action-packed day awaits💪
Scorecard ▶️ https://t.co/8DPghkx0DE#INDvAUS | @mastercardindia pic.twitter.com/hdRZrif7HC
— BCCI (@BCCI) March 9, 2023
आपको कभी-कभी गेंदबाजों को रोटेट करना पड़ता है और यह खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कोच ने आगे कहा कि आदर्श रूप से आप चाहते हैं कि एक गेंदबाज लगातार दो या तीन गेम खेले, लेकिन इन परिस्थितियों में ऐसा नहीं हो सकता है। उमेश इंदौर में शानदार लय में दिख रहे थे। उन्होंने तीन तेज विकेट चटकाए, लेकिन ऐसे भी दिन होते हैं जब आप लय हासिल नहीं कर पाते हैं। म्हाम्ब्रे ने बचाव में कहा- “हो सकता है कि पहला स्पैल जो उन्होंने ट्रेविस हेड को फेंका वह ठीक न गया हो, लेकिन बाद में उन्होंने गेंद को सही क्षेत्रों में डाला और हमारे लिए प्रभावी रहा।”
और पढ़िए – NZ vs SL: टीम साउदी ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज को पछाड़ा, डेल स्टेन और रविचंद्रन अश्विन के इस खास क्लब में हुए शामिल
हमने आखिरी 10 ओवरों में रन लुटाए
म्हाम्ब्रे ने मोटेरा ट्रैक को बल्लेबाजी बेल्ट के रूप में करार दिया, लेकिन उम्मीद की कि तीसरे दिन से स्पिनरों को ट्रैक से कुछ मदद मिलेगी। म्हाम्ब्रे ने कहा, “ये पिच बल्लेबाजी ट्रैक की तरह दिखती है। हमें कल विकेट देखने के बाद इसकी उम्मीद थी।” म्हाम्ब्रे ने आगे कहा- हमने आखिरी 10 ओवरों में अतिरिक्त रन लुटाए। हालांकि पहले सत्र में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की। शुरुआत में रन लीक हुए थे। दूसरा सत्र हमारे लिए अच्छा था, लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती गई, रन बनाना मुश्किल होता गया। वहीं आखिरी सत्र मुश्किल होता रहा। “हमने आखिरी 10 ओवरों में 56 रन दिए। मुझे लगा कि खेल हमसे थोड़ा अलग हो गया है। दिन के अंत में अगर यह 4 विकेट पर 220 होता, तो यह हमारे लिए अच्छा होता। हां, हमने पिछले सत्र में थोड़े और रन दिए।”
उन्होंने आगे कहा- “मुझे लगता है कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, थोड़ा टर्न मिलेगा। आपने देखा कि कुछ गेंदें टर्न हुईं, लेकिन पहले जो देखा उसकी तुलना में ये कुछ भी नहीं है। आपको तीसरे दिन से थोड़ा टर्न देखने को मिल सकता है, स्पिनरों को थोड़ी मदद मिलेगी।”
रोहित शर्मा के फैसले का किया बचाव
क्या भारत को दूसरी नई गेंद लेने में देरी नहीं करनी चाहिए थी? इस सवाल के जवाब में म्हाम्ब्रे ने कहा- नई गेंद बल्ले से बेहतर तरीके से निकली और रन बनाना आसान बना दिया, लेकिन रोहित ने सोचा होगा कि उस विकेट पर कुछ भी नहीं हो रहा था, इसलिए कम से कम स्पिनरों के साथ नई गेंद अच्छी तरह से जाएगी। “अगर हमने कुछ विकेट लिए होते, तो हम अलग तरह से बात कर रहे होते। यह ठीक है और ऐसा ही होगा।” उन्होंने उस्मान ख्वाजा की तारीफ कर कहा, “हमने इस ट्रैक पर हर संभव कोशिश की। कभी-कभी आपको बल्लेबाज को भी श्रेय देना होता है।”
और पढ़िए – खेल से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें
Edited By