---विज्ञापन---

क्रिकेट में कब से आए थर्ड अंपायर के नियम? सबसे पहले इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को दिया था OUT 

Cricket एक ऐसा खेल है, जहां अंपायर का निर्णय ही पूरे मैच का रुख तय करता है। इसलिए क्रिकेट में अंपायर की गुणवत्ता से कभी भी समझौता नहीं किया जाता है। हालांकि, फिर भी मानवीय चूक होना स्वाभाविक है। ऐसे में इससे बचने के लिए क्रिकेट में थर्ड अंपायर की भी भूमिका तय की गई है, जो कि मैदानी अंपायर की मदद करता है। 

Edited By : Mashahid abbas | Updated: Sep 20, 2024 14:41
Share :
Cricket Umpire
Cricket Umpire

Cricket का पूरा खेल ही अंपायर के निर्णय पर टिका हुआ है। मैदान पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखने और मैच के सभी निर्णय को लेने का काम अंपायर का होता है। कई बार बल्लेबाज या गेंदबाज को अंपायर के गलत फैसलों का भी शिकार होना पड़ता है। ऐसे में क्रिकेट में थर्ड अंपायर के नियम को लाया गया ताकि थर्ड अंपायर कैमरे की मदद से मैदानी अंपायर की मदद कर सकें और मैचों के दौरान ज्यादा पारदर्शिता देखने को मिले। आज के युग में रन आउट और एलबीडब्ल्यू के लिए थर्ड अंपायर की भूमिका बेहद अहम होती है। थर्ड अंपायर की वजह से ही कई बार मैदानी अंपायरों के फैसले पलट जाते हैं।

कैसे हुई थी थर्ड अंपायर की शुरुआत

क्रिकेट में थर्ड अंपायर की परिकल्पना श्रीलंका के पूर्व घरेलू क्रिकेटर महिंदा विजेसिंघे ने की थी। उनके इस परिकल्पना को आईसीसी ने अमलीजामा पहनाया और पहली बार इस नियम को 1992 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच डरबन में खेले जा रहे टेस्ट मैच में लागू किया गया था। पहले ही मैच में भारत का दिग्गज खिलाड़ी इस नियम के तहत आउट करार दे दिया गया था। इसके बाद थर्ड अंपायर की ताकत और उसकी भूमिका को समझा गया और फिर इस नियम को अन्य मैचों में भी लागू कर दिया गया।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें:- IND vs BAN: विराट और पंत ने कुलदीप यादव को घसीटा, सामने आया Video

ये भारतीय दिग्गज खिलाड़ी बना था पहला शिकार

क्रिकेट में सबसे पहले थर्ड अंपायर की भूमिका में कार्ल लिबनबर्ग नजर आए थे। वो दुनिया के पहले थर्ड अंपायर हैं। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए मैच में सचिन तेंदुलकर इस नियम का सबसे पहले शिकार बने थे। सचिन तेंदुलकर को मैदान पर अंपायर ने रन आउट नहीं दिया था। जबकि, थर्ड अंपायर ने अपने फैसले में सचिन तेंदुलकर को आउट करार पाया और इस तरह सचिन तेंदुलकर थर्ड अंपायर की ओर से आउट दिए जाने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बन गए थे।

---विज्ञापन---

क्या होता है थर्ड अंपायर का काम

थर्ड अंपायर को भी मैदानी अंपायर की तरह ही आईसीसी एलिट पैनल से नियुक्त किया जाता है। मैच में जरूरत पड़ने पर ये थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर की भूमिका भी निभा सकते हैं। थर्ड अंपायर का काम मैच के दौरान ऑन-फ़ील्ड अंपायरों की ओर से किए गए सवालों का फाइनल जवाब देना होता है। थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर से इतर रिवर्स मोड और स्लो मोशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके अपना फैसला लेता है, जिसमें गलती की गुंजाइश ही नहीं रह जाती है।

ये भी पढ़ें:- OUT होने के बाद अंपायर से भिड़ गया पाकिस्तानी बल्लेबाज, रुक गया LIVE Match

थर्ड अंपायर की बढ़ी जिम्मेदारी

वर्तमान समय में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) आने से थर्ड अंपायर का काम और भी बढ़ गया है। इस नियम से अंपायर के अलावा अब खिलाड़ी भी थर्ड अंपायर की मदद लेने के जाते हैं। जिससे कई बार फैसले को बदल दिया जाता है। इससे टीम को लाभ होता है।

ये भी पढ़ें:-  श्रीलंका ने घोषित की टी20 वर्ल्ड कप की टीम, दिग्गज खिलाड़ी को बनाया कप्तान

HISTORY

Written By

Mashahid abbas

First published on: Sep 20, 2024 02:41 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें