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इस एथलीट को भी व‍िनेश फोगाट जैसी सजा! कसूर बस मुंह खोलना, छीन ल‍िया था स‍िल्‍वर मेडल 

Olympics Weird Rules: पूरा देश अभी तक व‍िनेश फोगाट को म‍िले दर्द से उबर नहीं सका है। हर कोई इस बात से हैरान-परेशान है क‍ि महज 100 ग्राम की वजह से कैसे कड़ी मेहनत पर पानी फ‍िर सकता है? वो ख‍िलाड़ी ज‍िसने एक द‍िन में तीन मह‍िला रेसलर्स को पटका, ज‍िसमें ओलंप‍िक चैंप‍ियन भी शाम‍िल […]

Edited By : Amit Kumar | Updated: Aug 9, 2024 21:49
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Olympics
Olympics (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

Olympics Weird Rules: पूरा देश अभी तक व‍िनेश फोगाट को म‍िले दर्द से उबर नहीं सका है। हर कोई इस बात से हैरान-परेशान है क‍ि महज 100 ग्राम की वजह से कैसे कड़ी मेहनत पर पानी फ‍िर सकता है? वो ख‍िलाड़ी ज‍िसने एक द‍िन में तीन मह‍िला रेसलर्स को पटका, ज‍िसमें ओलंप‍िक चैंप‍ियन भी शाम‍िल थीं, उसके साथ इतना बड़ा अन्‍याय कैसे हो सकता है? मगर पेर‍िस ओलंप‍िक में इस ‘क्रूर मजाक’ को हम सबने देखा है। फाइनल में पहुंचने वाली व‍िनेश फोगाट से न स‍िर्फ गोल्‍ड जीतने का मौका छ‍िन गया बल्‍क‍ि ज‍िस स‍िल्‍वर मेडल की वो हकदार थी, वो भी नहीं द‍िया गया। वो भी क्‍यों स‍िर्फ एक अजीबोगरीब न‍ियम की वजह से।

खैर…यह कोई पहला मौका नहीं है, जब खेलों को चलाने वाले ‘आकाओं’ के बनाए गए न‍ियमों का खाम‍ियाजा ख‍िलाड़‍ियों को भुगतना पड़ा हो। 2019 का वनडे क्रि‍केट व‍िश्‍व कप फाइनल तो आपको याद ही होगा। न्‍यूजीलैंड ने वो सब क‍िया, जो एक चैंप‍ियन टीम को करना चाह‍िए था। मगर फैसला हुआ क‍ि ज‍िस टीम ने ज्‍यादा छक्‍के लगाए हैं, वो व‍िजेता बनेगा। ओलंप‍िक की बात करें तो करीब 92 साल पहले भी एक ख‍िलाड़ी का मेडल जीतने का सपना ऐसे ही टूटा था।

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क्‍या हुआ था उस द‍िन

बात करते हैं 1932 में हुए लॉस एंज‍िल‍िस ओलंप‍िक की। इस ओलंप‍िक में भी घुड़सवारी इवेंट में एथलीट अपने घोड़े के साथ देश के ल‍िए मेडल जीतने का सपना आंखों में ल‍िए उतरे थे। स्‍वीडन के मशहूर बर्ट‍िल सैंडस्‍ट्रोम 1920 और 1924 में स‍िल्‍वर मेडल जीत चुके थे और 1932 में वह तीसरा मेडल जीतना चाहते थे। फाइनल्‍स में वह दूसरे स्‍थान पर रहे, मतलब उन्‍होंने स‍िल्‍वर मेडल की हैट्रि‍क लगाने में कामयाबी हास‍िल कर ली। लेक‍िन उन्‍हें सबसे आख‍िरी स्‍थान पर ख‍िसका द‍िया गया।

आख‍िर क्‍यों छीन ल‍िया स‍िल्‍वर मेडल

घुड़सवारी के इवेंट में नि‍यम है क‍ि आपको ब‍िल्‍कुल चुप रहना होता है। आप मुंह से आवाज नहीं कर सकते। जजों ने दावा क‍िया क‍ि उन्‍होंने मुंह से आवाज न‍िकाल कर अपने घोड़े को इशारा क‍िया है। यह खेल के न‍ियमों और खेल भावना के ख‍िलाफ है। हालांक‍ि वह लगातार इनकार करते रहे क‍ि उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं क‍िया। उन्‍होंने कहा क‍ि घोड़े की पीठ पर रखी काठी की वजह से यह आवाज हुई न क‍ि उन्‍होंने घोड़े को कंट्रोल करने की कोश‍िश के ल‍िए ऐसा क‍िया। मगर उनकी एक न सुनी गई। हालांक‍ि टीम इवेंट में उनके द्वारा अर्ज‍ित अंकों को शाम‍िल क‍िया, ज‍िस वजह से उनकी टीम ने स‍िल्‍वर मेडल जीता।

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Written By

Amit Kumar

First published on: Aug 09, 2024 09:49 PM

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