Border-Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का तीसरा टेस्ट ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर जारी है। इस मैच में बारिश ने जमकर खलल डाला है, जहां दूसरे दिन को छोड़कर सभी दिन बारिश विलेन बनी है। बारिश के मिजाज को देखते हुए इस बात की संभावना काफी बढ़ गई है कि यह मैच ड्रॉ पर समाप्त होगा। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है। अगर यह मैच ड्रॉ रहता है और आगे दोनों टीमें एक-एक मैच जीत जाती हैं तो सूरत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टीम इंडिया के पास ही रहेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीम इंडिया ने पिछली बार इस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।
IF SERIES ENDS IN A DRAW…!!!!
---विज्ञापन---– India will retain the Border Gavaskar Trophy, a draw in Gabba is a huge boost for the side. 🇮🇳 pic.twitter.com/TIMbMKFIro
— Johns. (@CricCrazyJohns) December 17, 2024
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पिछली बार भारत बना था चैम्पियन
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछली टेस्ट सीरीज भारत में ही खेली गई थी, तब टीम इंडिया ने कंगारू टीम को 2-1 से मात दी थी। भारत ने नागपुर और दिल्ली में टेस्ट सीरीज के पहले दो मैच जीतकर 2-0 की लीड हासिल की। हालांकि कंगारू टीम ने तीसरे मैच में पलटवार करते हुए भारत को नौ विकेट से मात दी। टीम की इस जीत में ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने अहम भूमिका निभाई थी। दोनों टीमों के बीच अहमदाबाद में खेला गया चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा और इस तरह से भारत ने यह सीरीज 2-1 के अंतर से अपने नाम की।
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कब हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत?
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दुनिया की दो सबसे मजबूत टीमों के बीच खेली जाती है और यह क्रिकेट की सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्विता में से एक है। 1996-97 में शुरू हुई यह सीरीज दोनों टीमों के दो महान खिलाड़ियों सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर के नाम पर खेली जाती है। दोनों ही महान खिलाड़ियों ने टेस्ट में दस हजार से ज्यादा रन बनाए, जिसकी वजह से इनका नाम महान खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है।
1947 में पहली बार भिड़ीं दोनों टीमें
हालांकि दोनों टीमों के बीच यह प्रतिद्वंद्विता इस सीरीज के शुरू होने से भी पहले की है। ऑस्ट्रेलिया और भारत की टीमें लंबे समय से एक-दूसरे के खिलाफ खेल रही हैं, जिसकी शुरुआत अक्टूबर 1947 में हुई थी। तब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। हालांकि यहां टीम इंडिया पांच मैचों की सीरीज 0-4 के बड़े अंतर से हार गई थी। टीम बेशक यह सीरीज हार गई, लेकिन सीरीज ने एक ऐसी प्रतिद्वंद्विता की नींव रखी जो दशकों में और भी तीव्र होती चली गई।
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