Hokato Hotozhe Sema Profile: 40 साल के भारतीय शॉट-पुट खिलाड़ी होकाटो होटोजे सेमा ने भारत को पैरालंपिक में कांस्य मेडल जिताया है। पिछले साल भी भी उन्होंने पैरा एशियाई खेलों में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं इस साल उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की एफ-57 स्पर्धा के फाइनल सिंगल में 14.65 मीटर थ्रो किया और शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीत लिया। होकाटो होटोज़े सेमा भारतीय सेना में नौकरी भी करते हैं, लेकिन उनका भारत के लिए मेडल जीतने का सफर आसान नहीं था।
देश के लिए गंवाया पैर
साल 2002 में होकाटो होटोजे सेमा ने जम्मू कश्मीर के चौकीबल में आतंकवाद विरोधी अभियान में भाग लिया, लेकिन बारूदी सुरंग में विस्फोट होने की वजह से उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। हालांकि इन सब को भूलते हुए उन्होंने ज़िंदगी में आगे बढ़ने का प्रयास किया। होकाटो होटोज़े सेमा पैरालंपिक में नागालैंड की ओर से हिस्सा लेने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। उन्होंने अपने दूसरे थ्रो में 14 मीटर का आंकड़ा छुआ और फिर दूसरे राउंड में 14.40 मीटर की दूरी तय की।
Paralympic Medal !!!
Nagaland’s “PowerRanger” – Hokato Hotozhe Sema – creates history; makes India Proud & Nagaland Shine – at the Paralympic Games 2024 in @Paris2024, by getting on the victory podium in Shotput, Athletics.What Pride and What Joy to see Hokato Hotozhe Sema… pic.twitter.com/77X3NO7Xf0
---विज्ञापन---— abu metha (@abumetha) September 6, 2024
साल 2016 में मिली प्रेरणा
सेमा ने साल 2016 में इस खेल को अपनाया और 8 साल में ही इतिहास रच दिया। पुणे के आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर के एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने सेमा की फिटनेस देखते हुए उन्हें शॉटपुट में भाग लेने के लिए इंस्पायर किया। होकाटो भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। भारत को उनसे पेरिस पैरालंपिक में खास उम्मीदें थीं, क्योंकि होकाटो विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे थे।
ईरान के 31 साल के यासीन खोसरावी, जो 2 बार के पैरा विश्व चैंपियन और हुंगाझु पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। उन्होंने 15.96 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया। इसके अलावा ब्राजील के थियागो डॉस ने 15.06 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया।