Harbhajan Singh Mumbai Indians: आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन का बाजार सजने लगा है। माना जा रहा है कि नवंबर के आखिर हफ्ते में खिलाड़ियों के नामों पर बोली लग सकती है। हालांकि, इससे पहले सभी टीमों को 31 अक्टूबर तक रिटेन किए गए प्लेयर्स की लिस्ट बीसीसीआई को सौंपनी है। पिछले सीजन बुरी तरह से फ्लॉप रही मुंबई इंडियंस किन खिलाड़ियों को रिटेन करेगी, यह देखना काफी दिलचस्प होगा। कभी मुंबई की ओर से अपनी घूमती गेंदों से कहर बरपाने वाले हरभजन सिंह ने उन प्लेयर्स का नाम बताया है, जिन्हें पांच बार की चैंपियन ऑक्शन से पहले रिटेन कर सकती है। हालांकि, भज्जी रोहित के नाम को लेकर थोड़ा कंफ्यूज दिखाई दिए हैं।
भज्जी ने की भविष्यवाणी
हरभजन सिंह ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ के साथ बातचीत करते हुए बताया कि मुंबई इंडियंस हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव को रिटेन कर सकती है। उन्होंने कहा, “मुंबई इंडियंस एक ऐसी टीम है, जो पिछले दो या तीन सीजन में अच्छा खेल नहीं दिखा सकी है। जितना मुझे पता है वह एक जबरदस्त और चैंपियन टीम है। वह जाहिर तौर पर भविष्य के लिए मजबूत टीम तैयार करना चाहेंगे। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अनुभवी प्लेयर्स को इस साल टीम में शामिल नहीं करेंगे। आखिरी सीजन उन्होंने हार्दिक पांड्या को कप्तान बनाया था और मुझे ऐसा लगता है कि वह हार्दिक को जरूर रिटेन करेंगे। जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव भी रिटेन होंगे। मगर यह सवाल है कि क्या रोहित शर्मा को मुंबई रिटेन करेगी?”
Mumbai Indians is likely to retain the fab four
5th retention is yet to be decided. pic.twitter.com/Y6MjwhoO1e— Mumbai Indians FC (@MIPaltanFamily) October 17, 2024
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रोहित को रिटेन करेगी मुंबई?
हरभजन ने मुंबई में रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर कहा, “रोहित शर्मा ने हाल ही में बतौर कप्तान वर्ल्ड कप जीता है, ऐसे में मुझे लगता है कि वह रिटेन होंगे और उनको रिटेन करना भी चाहिए। रोहित को लेकर चार प्लेयर हो जाएंगे। पांचवें खिलाड़ी के तौर पर मुंबई तिलक वर्मा को रिटेन कर सकती है। तिलक उन खिलाड़ियों में से हैं, जो भविष्य में मुंबई इंडियंस के लिए बड़े मैच विनर साबित हो सकते हैं। बात अगर बॉलिंग की करें, तो मेरे हिसाब से टीम किसी और बॉलर को शायद ही रिटेन करेगी।”
बुरी तरह फ्लॉप रही थी मुंबई इंडियंस
मुंबई इंडियंस की टीम पिछले सीजन औंधे मुंह गिरी थी। कप्तान हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। टीम ने सबसे निचले पायदान पर रहते हुए टूर्नामेंट का अंत किया था। 14 मैचों में से टीम को सिर्फ 4 में जीत नसीब हुई थी, जबकि 10 मैचों में पांच बार की चैंपियन को हार झेलनी पड़ी थी।