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क्रिकेट का वो ‘खूनी’ हथियार, जिसने ले ली 17 वर्षीय क्रिकेटर की जान, टीम इंडिया भी करती है इस्तेमाल 

What is Wanger Stick: ऑस्ट्रेलिया से आज क्रिकेट फैंस के लिए बहुत बुरी खबर आई. अभ्यास के दौरान 17 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को वैंगर स्टिक से गेंद गर्दन पर लगी और उसके कारण मौत हो गई. जिसके बाद से ही सभी क्रिकेट फैंस थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट द्वारा प्रयोग किए जाने वाले इस हथियार वैंगर के बारे में जानना चाहते हैं. जिसे भारतीय टीम भी लंबे समय से इस्तेमाल कर रही है. 

Author Written By: Aditya Author Published By : Aditya Updated: Oct 30, 2025 14:10
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What is Wanger Stick: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 30 की सुबह फैंस को एक दिल तोड़ देने वाली खबर दी. 17 साल के बेन ऑस्टिन की अभ्यास के दौरान गेंद गर्दन में लगने के कारण अस्पताल में मौत हो गई. ऑस्टिन की मौत के बाद से ही सभी क्रिकेट फैंस थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट की वैंगर स्टिक के बारे में फैंस भी जानना चाहते हैं. इस स्टिक से फेंकी गई गेंद ही ऑस्टिन को लगी थी. भारतीय टीम के थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु भी इसी का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण ही इसके प्रयोग होने के पीछे की वजह भी फैंस अब जानना चाहते हैं. 

क्रिकेट में क्या होता है वैंगर?  

ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ी और थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट साइड आर्म बॉल थ्रोअर को इस्तेमाल करते हैं. जिसे बोलचाल की भाषा में वैंगर कहा जाता है. आपको बता दें कि वैंगर 2 तरह का होता है. एक होता है साइडआर्म क्लब, जिसे क्रिकेट की शुरुआत करने वाले खिलाड़ी इस्तेमाल करते हैं. दूसरा होता है साइडआर्म एलीट, जिसे इंटरनेशनल और नेशनल लेवल के खिलाड़ी प्रयोग में लाते हैं. साइडआर्म एलीट से अच्छी स्पीड में लगातार गेंदबाजी करने में मदद मिलती है. इससे आसानी से थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट को बल्लेबाजों के खिलाफ अधिक गेंदें फेंकने की सुविधा मिलती है, तथा उन्हें दौड़ने और 10 से 15 ओवर गेंदबाजी करने से कंधे, पीठ और पैरों पर अधिक दबाव नहीं पड़ता. जिसके कारण ही अब हर टीम में लगभग 2 थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट होते हैं. 

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वैंगर के इस्तेमाल से क्या है खतरा? 

छोटे क्लब भी वैंगर के सस्ता होने के कारण इसका इस्तेमाल करते हैं. साइडआर्म क्लब जहां लगभग 65 डॉलर में मिलता है, तो वहीं साइडआर्म एलीट 99 डॉलर के आसपास मिलता है. बॉलिंग मशीन महंगी होने के कारण भी इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है. अगर वैंगर का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हुआ तो गेंद बीमर भी हो सकती है. इसके अलावा कमर से ऊपर की बाउंसर और फुल टॉस भी हो सकती है. ऐसे में गेंद खिलाड़ी को किसी भी गलत जगह लग सकती है. ऐसे में खिलाड़ी को इंजरी का खतरा बढ़ जाता है. जिसके कारण ही इस स्टिक का इस्तेमाल स्पेशलिस्ट थ्रोडाउन से ही कराना चाहिए.

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First published on: Oct 30, 2025 12:43 PM

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