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क्रिकेट

10 साल पहले कटक में जब बेसब्र दर्शकों ने की थी शर्मनाक हरकत, 2 साल के लिए छिन गई स्टेडियम की मेजबानी!

When Crowd Hurled Bottles Barabati Stadium: मैच के दौरान गुस्साए फैंस का बेकाबू हो जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस स्टेडियम की साख पर बट्टा जरूर लग जाता है. ऐसा ही कुछ 10 साल पहले कटक के बाराबती स्टेडियम में मैच के दौरान हुआ. इस घटना की वजह से ग्राउंड पर दो साल तक मेंस अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला गया.

Author Written By: Ujjaval Palanpure Updated: Dec 9, 2025 13:41
When Crowd Hurled Bottles Barabati Stadium
कटक में मैच के दौरान हुई थी बड़ी घटना

When Crowd Hurled Bottles Barabati Stadium: टीम इंडिया अपने घर में खेले और इमोशन हाई न हो, ऐसा भला कैसे हो सकता हैं, लेकिन कई मामले ऐसे भी पेश आए हैं, जब स्टैंड्स में दर्शक बेकाबू हो गए है. भारत और दक्षिण अफ्रीका कटक के जिस बाराबती स्टेडियम में टी-20 सीरीज का पहला मैच खेलने जा रहा है, वो भीड़ के शर्मनाक हरकत का गवाह रहा है.

10 साल पहले का वाक्या

5 अक्टूबर 2015 को इस मैदान पर टीम इंडिया और प्रोटियाज के बीच टी-20 इंटरनेशनल मैच खेला गया था. तब बाराबती स्टेडियम में मौजूद भीड़ का गुस्सा बेकाबू हो गया था. ये वाक्या इतना शर्मनाक था, कि इसे स्टेट असोसिएशन कभी याद नहीं करना चाहता. हालांकि क्रिकेट फैंस के जेहन में वो इंसिडेंट अक्सर वापस आ जाता है.

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भीड़ ने की बोतलों की बौछार

2015 में 3 मैचों की टी-20 सीरीज थी जो धर्मशाला में एमएस धोनी की टीम की हार के साथ शुरू हुई थी. बाराबती स्टेडियम में वापसी की कोशिश बुरी तरह नाकाम हो गई जब भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर बुरी तरह ढह गया. पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारत अगले 60 गेंदों में 43 रन पर दो विकेट से 92 रन पर ऑल आउट हो गया, जिससे जवाबी हमले की उम्मीदें कम हो गईं. बेकाबू कटक के दर्शक बेसब्र हो गए, और उन्होंने मेन इन ब्लू के खिलाफ अपनी नाराजगी दिखाने के लिए खेल की दूसरी पारी में बोतलें फेंकना शुरू कर दिया.

रुक गया था मैच

भारतीय टीम पहले बैटिंग करते हुए 17.2 ओवर में महज 92 रनों पर सिमट गई. लेकिन दक्षिण अफ्रीका को इस आसान टारगेट को चेज में 2 बार रुकावट आई. पहली रुकावट, जो 19 मिनट तक चली, तब हुई जब 11 ओवर के बाद स्कोर 64 रन पर 3 विकेट था, क्योंकि मैदान पर बोतलें फेंकी जा रही थीं. हालांकि खेल फिर से शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ 2 ओवर बाद इसे फिर से रोक दिया गया. अबकी बार, अंपायर सीके नंदन और सी शमशुद्दीन ने खिलाड़ियों को मैदान से हटाने का फैसला किया.

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हरकत में आई पुलिस

ऐसा लग रहा था कि खेल जल्द ही रद्द कर दिया जाएगा. लेकिन पुलिस और ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी हरकत में आए और आखिरकार 27 मिनट बाद मैच फिर से शुरू हुआ. दक्षिण अफ्रीका ने भारत को आसानी से हरा दिया, 2-0 की बढ़त ले ली और आखिरकार सीरीज जीत ली.

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धोनी का रिएक्शन

तब टीम इंडिया के लिमिटेड-ओवर्स के कप्तान, एमएस धोनी ने मैदान पर बोतलें फेंके जाने को ज्यादा तूल नहीं दिया, उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सच कहूं तो, सुरक्षा के नजरिए से, मुझे नहीं लगता कि कोई बहुत गंभीर खतरा था. भीड़ में से कुछ ताकतवर लोग रस्सी के अंदर बोतलें फेंकने में माहिर थे. इसलिए अंपायरों को लगा कि बेहतर होगा कि खिलाड़ी कुछ देर के लिए मैदान से बाहर चले जाएं. भीड़ का रिएक्शन, आप जानते हैं, हमने अच्छा नहीं खेला, इसलिए कभी-कभी ऐसे रिएक्शन मिलते हैं.”

धोनी ने आगे कहा, “यह सिर्फ पहली बोतल होती है. उसके बाद वे मजे के लिए फेंकना शुरू कर देते हैं. हमें इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए. मुझे अब भी याद है कि हमने एक बार विशाखापत्तनम में खेला था, हमने वो मैच बहुत आसानी से जीत लिया था, और उस समय भी बहुत सारी बोतलें फेंकी गई थीं. ये पहली बोतल से शुरू होता है, और उसके बाद, आप जानते हैं, अगर दर्शक ऐसा करना शुरू कर दें और उसे फॉलो करें तो उनके लिए ये ज्यादा मजेदार हो जाता है.”

प्रोटियाज कप्तान का रिएक्शन

इस घटना पर बोलते हुए तब के साउथ अफ्रीकी कप्तान फाफ डु प्लेसी ने कहा, “ये देखना अच्छा नहीं लगता. मैंने भारत में 5-6 साल क्रिकेट खेला है, और मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. इसलिए, आप नहीं चाहेंगे कि ये खेल का हिस्सा बने. आप यहां मुकाबला करने आते हैं, और सबसे अच्छी टीम जीतकर जाती है. ऐसा होना, मुझे नहीं लगता कि ये अच्छी बात है. ऐसा नहीं होना चाहिए. यहां तक कि जिस तरह से खेल आखिर में खेला गया, उसकी इंटेंसिटी कम हो गई क्योंकि जाहिर है भारत को लगा कि हम पहले ही जीत चुके हैं क्योंकि हमें सिर्फ 20 रन चाहिए थे. इस लिहाज से निराशाजनक, और उम्मीद है कि ये इस टूर पर पहली और आखिरी बार होगा जब हम ऐसा देखेंगे.”

2 साल बाद हुआ मेंस इंटरनेशनल मैच

भारतीय क्रिकेट दिग्गज सुनील गवास्कर ने गुस्से में कहा था, “पुलिस बिना किसी निर्देश के वहां खड़ी थी. जो पुलिसकर्मी बाउंड्री के किनारे तैनात होते हैं, उन्हें क्रिकेट नहीं देखना चाहिए बल्कि फैंस के बिहेवियर पर नजर रखनी चाहिए. कटक को अगले कुछ सालों तक कोई इंटरनेशनल मैच नहीं दिया जाना चाहिए. एक सबक के तौर पर, बीसीसीआई को ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन को दी जाने वाली सब्सिडी भी बंद कर देनी चाहिए.” इसका असर भी देखने को मिला, क्योंकि फिर कटक में अगला इंटरनेशनल मेंस मैच 2 साल बाद 2017 में हुआ.

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First published on: Dec 09, 2025 01:40 PM

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