Bangladesh Cricket Team: 30 अक्टूबर का दिन बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए बेहद खास दिन होता है। टीम ने आज से आठ साल पहले इसी दिन इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट मैच अपने नाम किया था। यह पूरी ताकत के साथ मैदान पर उतरी किसी बड़ी टीम पर बांग्लादेश की पहली जीत थी। टीम की इस जीत के स्टार ऑफ स्पिनर मेहदी हसन थे, जो इस टेस्ट से तीन दिन पहले 19 साल के हुए थे। उन्होंने मैच में दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन के साथ मिलकर टीम को इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। इस जीत के दम पर बांग्लादेश ने चटगांव में पिछड़ने के बाद दो मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर की।
मैच में इंग्लैंड को बांग्लादेश से 273 रनों का चुनौतीपूर्ण टारगेट मिला था। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक और बेन डकेट के बीच शतकीय साझेदारी हुई, जिससे टीम चाय से पहले मजबूत स्थिति में थी और जीत की ओर बढ़ रही थी। हालांकि लंच के बाद कहानी पूरी तरह बदल गई। यहां 19 साल के मिराज ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। कुक-डकेट की जोड़ी के पवेलियन जाने के बाद इंग्लैंड के बाकी बल्लेबाज बांग्लादेश के स्पिनरों का सामना नहीं कर सके। दोनों बल्लेबाज फिफ्टी पूरी होने के बाद आउट हुए।
O M G
Cricket history…..on this day in 2016
---विज्ञापन---Bangladesh’s first Test victory over a major team fielding a full-strength XI
At tea on day three, England needed 173 runs with ten wickets in hand, but were bowled out inside the next 23 overs, losing all 10 wickets for 64. pic.twitter.com/i6RbznWqVB
— Rob Moody (@robelinda2) October 30, 2020
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आलम यह था कि इन दोनों के अलावा इंग्लैंड का कोई अन्य बल्लेबाज 30 रन भी नहीं बना पाया। इंग्लिश टीम के खिलाफ चटगांव टेस्ट में कुल सात विकेट लेने वाले मेहदी इस मैच में भी इंग्लैंड के लिए बुरा सपना साबित हुए। उन्होंने इस पूरे मैच में 12 विकेट लिए। उनको यहां शाकिब का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने एक ओवर में तीन विकेट चटकाकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। शाकिब ने दूसरी पारी में चार विकेट अपने नाम किए, जिसमें जो रूट और बेन स्टोक्स के बेशकीमती विकेट शामिल हैं।
मेहदी ने पूरे सीरीज में 19 विकेट झटके, जो किसी भी टेस्ट सीरीज में बांग्लादेश के गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे अधिक विकेट थे। उन्होंने साल 2016 की शुरुआत अंडर-19 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश की कप्तानी करते हुए की थी। यहां उन्होंने क्रिकेट के दीवाने देश का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम की कप्तानी के साथ आने वाले दबाव को शानदार तरीके से संभाला और मैदान पर अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। उन्हें अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी चुना गया था।
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