Ana Maria Barbosu Jordan Chiles: भारत की रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दे दिया गया। इससे वह मेडल से चूक गईं। विनेश को महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से ओलंपिक से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में भी उठाया था। जिसका फैसला आ चुका है। सीएएस ने विनेश की अपील को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद वह इस मामले में एक बार फिर अपील कर सकती हैं। हालांकि उन्हें मेडल मिलने की उम्मीद कम है।
तीन एथलीटों को मेडल देने की मांग
हालांकि विनेश की तरह ही एक मामले में CAS ने अहम फैसला सुनाते हुए अमेरिका की जॉर्डन चिल्स से कांस्य पदक लेकर रोमानिया की एना बारबोसु को दिलाने में मदद की थी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, CAS का निर्णय आने के बाद रोमानियाई जिमनास्टिक्स फेडरेशन ने ब्रॉन्ज मेडल के लिए तीसरे प्रतियोगी को भी शामिल करने का प्रावधान रखा था। महासंघ ने एक बयान में कहा- जॉर्डन चिल्स, एना-मारिया बारबोसु और सबरीना मानेका-वोइनिया को कांस्य पदक दिलाने की पहल की गई है। इसके लिए CAS के सामने एक प्रस्ताव रखा गया।
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TRENDING NOW🚨: Ana Barbosu breaks her silence on the Olympic bronze medal incident by addressing Jordan Chiles and Sabrina Maneca-Voinea in a message via her Instagram story. This follows after the Olympic board decided to remove the medal from Chiles. The incident is still… pic.twitter.com/jMRWhvtsx0
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कोर्ट का आया फैसला
इस मामले में अब कोर्ट का अहम निर्णय आया है। CAS ने इस मामले में 29 पन्नों का फैसला जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि जिम्नास्टिक की वैश्विक संस्था ने इस स्पर्धा के संचालन में गलती की है, लेकिन वह तीनों जिम्नास्ट को पदक देकर इसकी भरपाई करने को तैयार नहीं है। भले ही हर एथलीट के पास कांस्य पदक के लिए तर्क क्यों न मौजूद हों।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पेरिस ओलंपिक में जिमनास्टिक फ्लोर एक्सरसाइज के दौरान अमेरिका की एथलीट जॉर्डन चिल्स ने 13.766 के स्कोर के साथ तीसरे नंबर पर रहते हुए कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। जबकि रोमानिया की एना बारबोसु 13.700 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर थीं। इसके बाद बारबोसु की टीम ने यह कहते हुए CAS में केस दर्ज करवाया कि चिल्स को गलत तरीके से पॉइंट दिए गए हैं।
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इसके बाद कोर्ट में बारबोसु की जीत हुई और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। जबकि चिल्स अंक कटने के बाद 13.666 के साथ पांचवें स्थान पर चली गईं। तब कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा था कि प्रतियोगिता में पहले के फिनिशिंग क्रम को ही बहाल किया जाना चाहिए। इस क्रम के अनुसार एना बारबोसु तीसरे, उन्हीं की टीम की दूसरी साथी सबरीना मानेका-वोइनिया चौथे और जॉर्डन चिल्स पांचवें स्थान पर थीं। अब इन्हीं तीन एथलीटों को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के लिए रोमानियाई जिमनास्टिक्स फेडरेशन ने पहल की थी, लेकिन कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया है।
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