क्या आपने कभी Black Moon के बारे में पढ़ा है? जी हां, यह कोई साइंस फिक्शन नहीं है बल्कि इस सप्ताह आसमान में ब्लैक मून दिखाई दिया। यह एक दुर्लभ घटना थी जिसे आमतौर पर देख पाना कठिन होता है। अगर आपने भी इसे नहीं देखा तो आइए जानते हैं कि ब्लैक मून क्या होता है और फिर कब इसे देख सकेंगे?
क्या होता है Black Moon?
कवियों के अनुसार ब्लैक मून शब्द को कई तरह से प्रयोग में लिया जा सकता है। लेकिन उनमें से कोई भी परिभाषा विज्ञान की दृष्टि से सही नहीं ठहरती हैं। खगोल विज्ञान की दृष्टि से देखें तो यह एक दुर्लभ घटना होती है जो प्रत्येक 33 महीने (अर्थात् 2 वर्ष 9 माह) में दिखाई देती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 19 मई 2023 (शुक्रवार) को भी ब्लैक मून दिखाई दिया था। अब यह 33 महीने (वर्ष 2026 में) बाद दिखाई देगा।
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वैज्ञानिक शब्दावली के अनुसार ब्लैक मून की घटना, जब किसी मौसम या सीजन में चार अमावस्याएं आती हैं, तब होती है। आमतौर पर ऋतुओं में तीन महीने शामिल होते हैं, और उनमें तीन बार ही अमावस्या आती है। इस तरह प्रत्येक मौसम या सीजन में तीन अमावस्याएं होती हैं परन्तु प्रत्येक 33 माह पर एक स्थिति ऐसी बनती है कि एक ही मौसम (या सीजन) में चार अमावस्याएं आती हैं। इस स्थिति में तीसरी अमावस्या को ही ब्लैक मून कहा जाता है।
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क्यों कहा जाता है इसे ब्लैक मून?
उस दिन चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य की खगोलीय स्थिति कुछ इस तरह होती है कि चन्द्रमा सूर्य से आने वाली पूरी रोशनी को बिखरा देता है जिससे वह चमक नहीं पाता बल्कि धुंधला सा बिंब दिखाई देता है। सरल शब्दों में कहें तो इस दौरान हमें चन्द्रमा का अंधेरे वाला हिस्सा दिखाई देता है जिसकी वजह से इसे ब्लैक मून कहा जाता है। उस दौरान चन्द्रमा काफी हद तक काला या धुंधला दिखाई देता है जिसकी वजह से आकाश में अंधेरा होता है।