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Religion

Year Ender 2025: प्रेमानंद महाराज से स्वामी रामभद्राचार्य तक, साल 2025 में सबसे ज्यादा चर्चित रहे ये 5 संत

Year Ender 2025: 2025 संतों और धार्मिक हस्तियों के लिए सिर्फ अध्यात्म का वर्ष नहीं था. यह वह साल था जब अखाड़ों की राजनीति, विवादित बयान, स्वास्थ्य संकट, भगदड़ की जांच और आर्थिक विवाद सुर्खियों पर हावी रहे. आइए जानते हैं, कौन-से 5 संत इस वर्ष सबसे अधिक चर्चा में रहे?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 5, 2025 12:43
Year-Ender-2026

Year Ender 2025: साल 2025 न केवल राजनीतिक, आर्थिक, स्पोर्ट्स, मनोरंजन बल्कि धार्मिक और सामाजिक घटनाओं से भी भरा रहा, जिसमें संतों के बयान, कार्यक्रम और स्वास्थ्य संकट लगातार सुर्खियों में रहे. कुछ घटनाओं ने आध्यात्मिक जगत में बहस पैदा की, तो कुछ ने समाज और व्यवस्था की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए. अखाड़ों की राजनीति और विवादित फैसलों ने भी चर्चाओं को तेज किया. प्रेमानंद महाराज, स्वामी रामभद्राचार्य और अन्य 3 संत ऐसे रहे, जिन्होंने अपनी लोकप्रियता के साथ-साथ विवादों से भी जनता का ध्यान खींचा. आइए जानते हैं, ये संत कौन हैं और क्या विवाद रहे हैं?

माई ममता नंद गिरी उर्फ ममता कुलकर्णी

कुंभ मेला 2025 कई तरह के आध्यात्मिक अनुभवों का केंद्र रहा, लेकिन सबसे बड़ा विवाद किन्नर अखाड़े के भीतर उठा. पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो अब माई ममता नंद गिरी या यमाई ममता नंद गिरि के रूप में जानी जाती हैं, को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया. इससे किन्नर अखाड़े के भीतर इसका तीखा विरोध शुरू हो गया. महामंडलेश्वर टीना मां (कौशल्या नंद गिरि) ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि ममता कुलकर्णी का अतीत, खासकर दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधियों से कथित जुड़ाव, सनातन धर्म और किन्नर परंपरा के लिए अनुचित संदेश देता है.

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टीना मां, हिमांगी सखी और अन्य विरोधियों ने नया “सनातनी किन्नर अखाड़ा” बनाकर अखाड़ा राजनीति का नया अध्याय शुरू कर दिया. उनके अनुसार, ममता कुलकर्णी को इतना बड़ा पद देना किन्नर समाज की गरिमा पर धक्का है. यह विवाद इतने व्यापक स्तर पर पहुंचा कि कुंभ में साधु-संतों और भक्तों के बीच भी दो गुट बन गए—एक ममता के समर्थन में और दूसरा उनके विरोध में.

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा

हाथरस की दुखद भगदड़ ने 2024 में पूरे देश को झकझोर दिया था. न्यायिक जांच आयोग ने 2025 में अपनी रिपोर्ट पेश की, और उसी के बाद भोले बाबा एक बार फिर से राष्ट्रीय बहस के केंद्र में आ गए. रिपोर्ट में बाबा सूरजपाल (नारायण साकार हरि) को व्यक्तिगत रूप से दोषी नहीं माना गया. आयोग ने जिम्मेदारी पुलिस की लापरवाही और कार्यक्रम आयोजकों की गलतियों पर डाल दी.

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लेकिन यह रिपोर्ट विवादों का सैलाब लेकर आई. विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया- ‘अगर बाबा जिम्मेदार नहीं थे, तो इतने लोगों की जान आखिर गई कैसे?’ सामाजिक संगठनों ने भी जांच की पारदर्शिता और सच्चाई पर प्रश्नचिह्न लगाया. बाबा के समर्थकों ने इसे न्याय बताया, जबकि विरोधियों ने इसे प्रभाव और राजनीतिक दबाव का परिणाम कहा. भोले बाबा की चुप्पी और बढ़ते जनसमूह ने इस विवाद को और गहरा किया.

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अनिरुद्धाचार्य महाराज

2025 में अनिरुद्धाचार्य महाराजउस समय सुर्खियों में आ गए जब एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें वे कथित रूप से कहते दिखे कि 25 वर्ष की अविवाहित लड़कियों का “चरित्र ठीक नहीं होता” और उनकी शादी 14 साल में कर देनी चाहिए. वीडियो में उनके हवाले से कहा गया कि 25 की उम्र तक लड़कियाँ ‘कई रिश्तों’ में होती हैं और बहू बनने योग्य नहीं रहतीं हैं. यह बयान सोशल मीडिया से लेकर महिला संगठनों तक आग की तरह फैल गया.

अनिरुद्धाचार्य जी आरोप लगे कि यह बाल-विवाह, महिला विरोधी सोच और असंवैधानिक मानसिकता को बढ़ावा देता है. विरोध प्रदर्शन हुए, शिकायतें दर्ज कराई गईं. इन सब पर अनिरुद्धाचार्य को सफाई देते हुए कहना पड़ा कि वीडियो एडिटेड है और उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था. यह मामला 2025 की सबसे चर्चित धार्मिक बहसों में शामिल रहा.

प्रेमानंद जी महाराज

2025 में संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ने की खबर आई. उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज है और डॉक्टरों ने नियमित डायलिसिस की सलाह दी. इसके बाद वृंदावन आश्रम ने उनके रात्रि दर्शन और लगातार चलने वाले पदयात्रा कार्यक्रम को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया. इससे भक्तों में बेचैनी और चिंता बढ़ती गई.

आश्रम को कई बार यह स्पष्ट अपील जारी करनी पड़ी कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सिर्फ आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें. इस बीच भक्तों की भीड़ और भावनात्मक माहौल प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता और प्रभाव का प्रमाण भी बना. उनकी सेहत का मुद्दा पूरे साल धार्मिक जगत की सबसे संवेदनशील खबरों में रहा.

स्वामी रामभद्राचार्य

सितंबर 2025 में मेरठ की श्रीराम कथा ने आध्यात्मिक से ज्यादा विवादित माहौल पैदा किया. कथा स्थल पर टेंट हाउस संचालक ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने 42–60 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया. लेन-देन विवाद के बीच एक और घटना हुई. कथा के दौरान एसी कंप्रेसर फट गया और आग लग गई. इससे कार्यक्रम में अफरातफरी मच गई. सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े हुए.

उसी समय स्वामी रामभद्राचार्य के कुछ धार्मिक और सामाजिक बयान, जैसे पश्चिमी यूपी को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहना, ने विवाद को और उकसा दिया. सोशल मीडिया में उनके समर्थक और विरोधी दो धड़ों में बंट गए. कथा से ज्यादा उस कथा के बाद पैदा हुई घटनाएं चर्चा में रहीं.

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First published on: Dec 05, 2025 12:43 PM

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