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आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी व्रत आज, जानें गणपति पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ashadha Vinayak Chaturthi 2024: हिन्दू धर्म में प्रत्येक महीने की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। आज 9 जुलाई, 2024 को आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं, आज के दिन गणपति पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?

Edited By : Shyam Nandan | Jul 9, 2024 06:50
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Ashadha Vinayak Chaturthi 2024: हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने की चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। जहां पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, वहीं अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। भगवान गणपति के भक्त और श्रद्धालु द्वारा आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी का व्रत आज मंगलवार 9 जुलाई, 2024 को रखा जा रहा है। आइए जानते हैं, इसका महत्व क्या है, पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा कैसे करें?

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व

हिन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथों में विनायक चतुर्थी को ‘वरद विनायक चतुर्थी’ कहा गया है। इसका अर्थ है वरदान देने वाली गणेश चतुर्थी पूजा। मान्यता है कि जो श्रद्धालु इस व्रत का उपवास रखते हैं, भगवान गणेश उनकी सभी उचित मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कहते हैं, आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से साधक-साधिका को ज्ञान और धैर्य का विशेष आशीर्वाद मिलता है। जीवन में इन दो गुणों के कारण व्यक्ति प्रगति करता है और अपने लक्ष्यों को शीघ्र पा लेता है। बता दें, भाद्रपद के महीने की विनायक चतुर्थी गणपति पूजा की सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी है, जिसमें 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी त्योहार मनाया जाता है।

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आषाढ़ विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त

9 जुलाई को शुक्ल पक्ष की आषाढ़ विनायक चतुर्थी तिथि का आरंभ 09 जुलाई 2024 को प्रात: काल 06 बजकर 08 मिनट से हो रहा है और यह 10 जुलाई को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगा। विनायक चतुर्थी का व्रत उदयातिथि के आधार पर 9 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। इस दिन सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के विशेष संयोग बनने से यह विनायक चतुर्थी और भी अधिक फलदायी बन गई है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले किसी भी समय की जा सकती है।

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

— प्रातः काल में नित्य कार्य से निवृत्त होकर सबसे पहले स्नान करें और पीले, सफेद या लाल वस्त्र धारण करें।

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— घर में पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर भगवान गणेश की प्रतिमा या उनकी फोटो की स्थापना करें।

— विघ्नहर्ता श्री गणेश का चंदन, रोली या कुमकुम से तिलक करें। फिर उन्हें अक्षत, हरी दूर्वा (दूब) घास, फूल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।

— इसके बाद भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। एक मोदक या लड्डू उनके वाहन श्री मूषक महाराज को भी अर्पित करें।

— इसके बाद ‘ॐ श्री गणेशाय नमः’ या ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र की 1, 3, 5 या 7 माला जाप करें।

— इसके बाद श्री गणेश जी की विधिवत आरती करें। फिर उनका आशीर्वाद लें और खुद प्रसाद ग्रहण कर सभी को प्रसाद दें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Jul 09, 2024 06:50 AM

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