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Krishna Radha Story: जानिए कब हुआ था देवी राधा और श्री कृष्ण का विवाह? इस मंदिर में मिलते हैं प्रमाण

Krishna Radha Story: हम सभी जानते हैं कि देवी राधा और श्री कृष्ण एक दूसरे से प्रेम करते थे। लेकिन बहुत कम लोग ही ये जानते हैं कि देवी राधा का विवाह, भगवान श्री कृष्ण से अनादि काल पहले ही हो गया था। जहां इन दोनों का विवाह हुआ था, वो मंडप आज भी मौजूद है। आइए जानते हैं, कब और कैसे हुआ था देवी राधा और श्री कृष्ण का विवाह?

Edited By : Nishit Mishra | Updated: Oct 20, 2024 16:21
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When did the marriage of Goddess Radha and Shri Krishna take place

Krishna Radha Story: भगवान श्री कृष्ण ने रुकमणी और सत्यभामा सहित आठ कन्याओं से विवाह किया था। देवी राधा को श्री कृष्ण की प्रेमिका के रूप में याद किया जाता है। देवी राधा और श्री कृष्ण का प्रेम अटूट था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री कृष्ण ने देवी राधा के साथ विवाह भी किया था? चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कथा, जिसका वर्णन गर्ग संहिता में किया गया है।

गर्ग संहिता की कथा

गर्ग संहिता में वर्णित कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण छोटे थे तो, एक दिन नंद बाबा श्री कृष्ण को गोद में लेकर गाय चराने गए। गायों को चराते-चराते वो वृन्दावन से भांडीरवन पहुंच गए। तभी अचानक तेज हवाएं चलने लगी, बिजली चमकने लगी, चारों ओर अंधेरा छा गया। फिर उस अंधेरे में एक दिव्य रोशनी प्रकट हुईं। नंद बाबा ने देखा, उस दिव्य रोशनी से एक सुन्दर कन्या निकली जो वस्त्र और आभूषण से सजी हुईं थी।

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उस कन्या को देखते ही नंद बाबा समझ गए कि यह और कोई नहीं देवी राधा हैं। फिर देवी राधा ने नंद बाबा को प्रणाम करते हुए कहा, मैं जानती हूं कि आपके गोद में साक्षात भगवान विष्णु हैं। ऐसा माना जाता है कि महर्षि गर्ग ने पहले ही इस रहस्य के बारे में देवी राधा को बता दिया था। देवी राधा की बातें सुनकर, नंद बाबा बालक कृष्ण को उनकी गोद में रख दिया और वे वहां से चले गए।

राधा-कृष्ण का विवाह

नंद बाबा के जाते ही श्री कृष्ण एक युवक बन गए। उसके बाद वहां एक विवाह मंडप प्रकट हुआ। विवाह मंडप के प्रकट होते ही, विवाह के लिए आवश्यक सामग्री भी आ गई। उसके बाद देवी राधा और श्री कृष्ण मंडप में बने सिंहासन पर बैठ गए। फिर कुछ देर बाद वहां ब्रह्माजी पहुंचे और बोले, हे प्रभु! मैं ही इस विवाह संस्कार को पूरा करूंगा। उसके बाद ब्रह्माजी ने मंत्रों के उच्चारण करने लगे और विधि-विधान से राधा और श्री कृष्ण का विवाह संपन्न करवाया। विवाह के बाद जब दक्षिणा देने का समय आया तो ब्रह्माजी जी ने कहा, प्रभु आप मुझे दक्षिणा के रूप में अपने चरणों में स्थान दे दीजिए। उसके बाद ब्रह्माजी जी अपने धाम लौट गए।

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ब्रह्माजी के जाने के बाद कुछ समय तक देवी राधा और श्री कृष्ण यमुना के तट पर बैठे रहे। फिर श्री कृष्ण बालक रूप में आ गए। उसके बाद देवी राधा श्री कृष्ण को लेकर माता यशोदा के पास पहुंची। देवी राधा ने माता यशोदा से कहा, रास्ते में नंद बाबा ने मुझे श्री कृष्ण को आपके पास पहुंचाने को कहा था। उसके बाद देवी राधा भी चली गई।

भांडीरवन मंदिर

भांडीरवन मंदिर वृन्दावन के समीप स्थित एक पवित्र स्थली है। यहां आज भी वो वटवृक्ष मौजूद है जिसके नीचे मंडप में ब्रह्माजी ने देवी राधा और श्री कृष्ण का विवाह करवाया था। यहां आज भी श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया जाता है। हर साल यहां हजारों भक्त देवी राधा और कृष्ण के विवाह मंडप का दर्शन करने आते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Nishit Mishra

First published on: Oct 20, 2024 04:21 PM

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