Bhajan Clubbing: युवाओं और जेन-जी को क्लबिंग करना और डिस्को जाना खूब पसंद है. अब जेन-जी में क्लबिंग वाले कल्चर के साथ ही युवाओं का अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ रहा है. ऐसे में दोनों का अनोखा मेल होकर एक नया ट्रेंड ‘भजन क्लबिंग’ सामने आया है. जेन-जी के बीच फेमस हुआ यह नया आध्यात्मिक ट्रेंड क्या है चलिए इसके बारे में जानते हैं.
क्या है भजन क्लबिंग? (What is Bhajan Clubbing)
युवाओं को डिस्को, क्लब, पार्टी, नाइट-आउट, कैफे में जाना खूब पसंद है. युवा पार्टियों में डिस्को लाइट्स, डीजे बीट्स पर बाइव करते हैं. लेकिन भजन क्लबिंग में युवा फिल्मी गानों पर नहीं बल्कि, भजन की धुन पर बाइव करते हैं. भजन क्लबिंग एक नया ट्रेंड है इसमें अध्यात्म और आधुनिकता दोनों का मिश्रण देखने को मिलता है.
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भजन क्लबिंग में भजन को नए अंदाज में पेश किया जाता है. इसमें नए म्यूजिक टूल्स और गिटार का इस्तेमाल कर भजन गाए जाते हैं. भजन क्लबिंग में हनुमान चालीसा, भजन और हरे राम हरे कृष्णा के भजन डिस्को के अंदाज में गाते हैं. भजन क्लबिंग में पुराने भजनों को आधुनिक म्यूजिक की बीट्स के साथ पेश किया जाता है.
क्यों बढ़ रहा भजन क्लबिंग का ट्रेंड?
जेन-जी में भजन क्लबिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. युवा पारंपरिक धार्मिक तरीके से पूजा-पाठ और भजन करने में बोर हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें यह तरीका पसंद आ रहा है. क्लबिंग के तरीके से डीजे बीट्स पर वाइब्स के साथ झूमते हैं. भजन करने और भगवान का ध्यान करने से दिमाग रिलैक्स होता है और मानसिक शांति मिलती है. आजकल युवा तनाव के कारण परेशान रहते हैं ऐसे में स्ट्रेस रिलीज के लिए वह इसे अपना रहे हैं.










