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Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति पर करें ये 5 उपाय, सूर्य की कृपा से हर काम में मिलेगी जीत

वृषभ संक्रांति, जो कि इस बार 14 मई 2025 के दिन मनाई जाएगी, एक पावन पर्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य, दान और कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में शुभ परिवर्तन आते हैं। आइए जानते हैं 5 ऐसे उपाय, जिन्हें अपनाकर आप भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 13, 2025 15:25

Vrishabha Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती हैं, जो सूर्य देव के 12 राशियों में गोचर पर आधारित होती हैं। जब सूर्य देव वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है। इस दिन स्नान, पितृ तर्पण और दान करना अत्यंत पुण्य दायक माना जाता है। भक्तजन इस दिन गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य, व्रत, तथा गायों की पूजा जैसे धार्मिक कार्य करते हैं। यदि इस दिन गोदान किया जाए तो वह विशेष फलदायी माना जाता है। आइए आज 5 उपायों के बारे में बताते है जिन्हें करके आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते है इसके साथ ही सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते है।

पहला उपाय

  • वृषभ संक्रांति के दिन प्रातःकाल जल्दी उठें।
  • स्नान के बाद पूजा-पाठ करें।
  • फिर तांबे के लोटे में जल भरें।
  • उसमें लाल फूल, अक्षत (चावल), गुड़ और रोली मिलाएं। सूर्य भगवान को अर्घ्य दें।
  • हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना प्रकट करें।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपने आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति बनाए रखते हैं।

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दूसरा उपाय

  • उठकर स्नान करें और पूजा-पाठ करें।
  • इसके बाद किसी जरूरतमंद को दान दें।
  • वस्त्र, भोजन, धन आदि का दान विशेष रूप से शुभ होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है।

तीसरा उपाय

  • जल्दी उठकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • फिर सूर्य देव के साथ भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे जीवन में संतुलन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति बनी रहती है।

चौथा उपाय

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान कर पूजा करें।
  • फिर किसी मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें।
  • शनिदेव की मूर्ति पर तिल व सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • पूजा के बाद काले तिल और तेल का दान करें।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे शनि की दशा, साढ़ेसाती या ढैय्या से राहत मिलती है और कर्मों में स्थिरता आती है।

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पांचवां उपाय

  • उठकर पूजा करें।
  • इसके बाद किसी गौशाला जाएं।
  • वहां गाय को गुड़ और चना खिलाएं या गौशाला में दान करें।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे पितृ दोष से मुक्ति, सुख-शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़ें-Vrishabh Sankranti 2025: 15 मई को है वृषभ संक्रांति, जानें महत्व; देश-दुनिया और राशियों पर असर

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

 

 

 

 

 

First published on: May 13, 2025 03:25 PM

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