भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार हर घर का हिस्सा खास महत्व रखता है। उसी में से एक है रसोईघर यानी किचन, जहां से पूरे घर का पोषण होता है। यदि किचन में वास्तु दोष हो, तो इसका असर पूरे परिवार की सेहत, समृद्धि और मानसिक शांति पर पड़ सकता है। ऐसे में लौंग और कपूर का एक छोटा-सा उपाय आपकी किचन की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकता है और आपके जीवन में सुख-शांति ला सकता है।
लौंग-कपूर क्यों है खास?
लौंग और कपूर दोनों ही प्राकृतिक रूप से शक्तिशाली और पवित्र माने जाते हैं। ये ना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्व रखते हैं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी इनमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। लौंग की सुगंध और कपूर का धुआं मिलकर वातावरण को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करते हैं।
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वास्तु दोष होगा कम
अगर आपके किचन में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष है, जैसे दिशा का दोष, गैस स्टोव की गलत स्थिति या रोशनी की कमी, तो आप रोज़ाना संध्या के समय लौंग और कपूर जलाकर इस दोष को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इससे वातावरण पवित्र होता है और किचन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कितना और कैसे जलाएं?
- रोज शाम को 6 से 8 लौंग की कलियों को कपूर के साथ जलाएं।
- इसे एक धातु की प्लेट या दीपक में रखें और किचन के किसी कोने में या बीच में रखकर जलाएं।
- लौंग-कपूर जलने के बाद जो धुआं निकलेगा, वह पूरे किचन में फैलने दें।
- इस उपाय से न केवल किचन में ताजगी बनी रहेगी, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होगी।
वातावरण होगा शुद्ध
कपूर और लौंग को एक साथ जलाने से वायु में मौजूद हानिकारक कीटाणु और दुर्गंध समाप्त होती है। इससे रसोई का वातावरण साफ और स्वच्छ रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।
खुशहाली और समृद्धि
मान्यता है कि नियमित रूप से किचन में कपूर जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यह घर में समृद्धि और खुशहाली लाता है। साथ ही मानसिक शांति भी बढ़ती है, जिससे परिवार के सभी सदस्यों में आपसी तालमेल बेहतर होता है।
ये है सही समय
लौंग और कपूर जलाने का सबसे उत्तम समय संध्याकाल माना गया है। इस समय वातावरण शांत होता है और ऊर्जा परिवर्तन की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।