Valmiki Jayanti 2025: वाल्मिकी जयंती का पर्व आज 7 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. वाल्मीकि जयंती आश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. वाल्मीकि जयंती मनाई जा रही है. महर्षि वाल्मीकि ने कठोर तप किया था और महाकाव्य रामायण की रचना की थी. उन्होंने श्रीराम के चरित्र पर ग्रंथ लिखा. इससे पहले वह एक डाकू थे जो डकैती करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. नारद मुनि से मुलाकात के बाद वाल्मीकि जी को पछतावा हुआ और उन्हें बुरे काम छोड़कर राम नाम जपना शुरू किया.
आज वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) के अवसर पर आप उनके प्रेम, त्याग, तप व यश से परिपूर्ण विचारों को पढ़ सकते हैं. महर्षि वाल्मीकि के विचारों (Maharishi Valmiki Thought) को पढ़कर आप इन्हें अपने जीवन में उतार सकते हैं. उनके विचार (Maharishi Valmiki Ji Ke Vichar) आपको सदा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे. चलिए आज वाल्मीकि जयंती पर यहां उनके अनमोल विचार पढ़ते हैं.
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महर्षि वाल्मीकि जी के विचार (Maharishi Valmiki Ji Thought)
- “किसी के प्रति दूषित भावना रखने से अपने मन खुद मैले हो जाते है.” मन में किसी के प्रति गंदी भावना नहीं रखनी चाहिए.
- “जीवन में सदैव सुख ही मिले यह बहुत दुर्लभ है” जीवन में सदा सुख-दुख का साथ बना रहता है. सदैव सुख मिलना संभव नहीं है.
- “संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है” कम ही लोग होते हैं जो आपके हित की बात करते हैं.
- “अहंकार मनुष्य का बहुत बड़ा दुश्मन है. वह सोने के हार को भी मिट्टी का बना देता है” व्यक्ति के अंदर बिल्कुल भी अहंकार नहीं होना चाहिए.
- “दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं” जीवन में दुख और विपदा बिना निमंत्रण के कभी भी आ सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.