Sharad Purnima 2025 Upay: साल की कुल 12 पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रत्येक पूर्णिमा की तरह इस तिथि पर भी चंद्रमा अपनी पूर्ण अवस्था में होता है, जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है. इस बार 6 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को शरद पूर्णिमा है. हालांकि, शरद पूर्णिमा की रात को दिव्य माना जाता है. मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत की वर्षा करता है. अमृत की बूंदें जब धरती पर पड़ती हैं तो उससे प्रकृति प्रसन्न होती है और वातावरण शुद्ध हो जाता है. इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है. साथ ही चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं.
आइए जानते हैं शास्त्रों में बताए गए चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए शरद पूर्णिमा पर करने वाले तीन प्रभावशाली उपायों के बारे में.
चंद्र दोष से मुक्ति के तीन सरल उपाय
- चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए शरद पूर्णिमा की रात चंद्र देव की पूजा करें. साथ ही उन्हें अर्घ्य दें. अर्घ्य के लिए एक कलश लें, उसमें दूध, चावल और सफेद फूल डालें. अर्घ्य देते समय 7 बार ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का जाप करें. फिर अपनी अच्छी स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करें. साथ ही अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें. इस उपाय से आपको चंद्र दोष से मुक्ति मिल सकती है.
- शरद पूर्णिमा की शाम अपने हाथों से चावल की खीर बनाएं. चंद्रोदय होने के बाद चंद्र देव की पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं. रातभर चांद की रोशनी में खीर को ढककर रखें. अगले दिन स्नान आदि कार्य करने के पश्चात मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने के बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में खाएं. इस उपाय से आपको चंद्र दोष से मुक्ति मिलेगी. साथ ही सेहत में भी सुधार देखने को मिलेगा.
- यदि आपकी कुंडली में चंद्र दोष है, तो शरद पूर्णिमा के दिन सुबह के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. साथ ही शिवलिंग पर जल, फल, फूल, मिठाई और चांदी से बना चंद्रमा अर्पित करें. इससे आपको भगवान शिव की तो विशेष कृपा प्राप्त होगी ही, साथ ही चंद्र दोष का प्रभाव भी कम होगा.
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चंद्र दोष के संकेत
- मन का अशांत रहना.
- बात-बात पर घबराहट होना.
- आत्मविश्वास में कमी.
- असुरक्षित महसूस होना.
- सांस लेने में परेशानी होना.
- बार-बार सर्दी-जुकाम होना.
चंद्र दोष के कारण
- चंद्र ग्रह पर राहु, केतु, शनि या मंगल ग्रह का प्रभाव या दृष्टि पड़ना.
- वृश्चिक राशि में चंद्रमा का नीच स्थिति में होना.
- चंद्रमा का राहु और केतु ग्रह के बीच में स्थित होना.
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