Hindu Dharma: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, ध्यान और धार्मिक कार्यों से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता को अत्यंत महत्व दिया गया है। स्नान, स्वच्छ वस्त्र और संयमित आहार को पूजा के योग्य स्थिति में आने के लिए आवश्यक माना जाता है। लेकिन व्यावहारिक जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब कोई व्यक्ति उपवास पर नहीं होता, बीमार होता है या भूख के कारण कुछ खा लेता है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि कौन-सी चीजें ऐसी हैं जिन्हें खाने के बाद भी पूजा-पाठ किया जा सकता है।
जानें धर्मशास्त्रों की बात
धर्मशास्त्रों जैसे पुराण और समृति ग्रंथ में ऋषि-मुनियों ने बताया है कि रोगियों और भूख न सह सक्ने वाले लोग पूजा-पाठ से पहले भी आहार ले सकते हैं। वहीं, व्रतराज नामक एक ग्रंथ में 7 चीजों को पवित्र बताया है। इस ग्रंथ के अनुसार, इनका सेवन करने के बाद भी पूजा, ध्यान और धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं। ये पदार्थ शरीर को न केवल ऊर्जा देते हैं, बल्कि धर्मसम्मत भी माने गए हैं।
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इन 7 चीजों को खाने के बाद भी कर सकते हैं पूजा
यह देखा गया है की बीमार व्यक्ति, वृद्धजन या रोजमर्रा के व्यस्त जीवन में हर बार स्नान और व्रत की पूर्ण तैयारी संभव नहीं होती। ऐसे में व्रतराज पुस्तक में बताई गई ये 7 वस्तुएं शरीर की आवश्यकता भी पूरी करती हैं और पूजा में किसी प्रकार की अशुद्धि नहीं लातीं है, ये वस्तुएं हैं:
जल: जल को जीवन और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। प्यास बुझाने के लिए जल पीने के बाद पूजा करना न केवल स्वीकार्य है, बल्कि शास्त्रसम्मत भी है।
गन्ना: प्राकृतिक और सात्त्विक भोजन होने के कारण गन्ने को पवित्र आहार माना गया है।
दूध: गाय का दूध विशेष रूप से पवित्र माना गया है। बीमार व्यक्ति या व्रत करने वाले साधक भी दूध का सेवन कर सकते हैं।
कंद-मूल: जैसे शकरकंद, अरबी, आलू आदि कंद मूल भोजन में आते हैं। यह सात्त्विक और शरीर को तृप्त करने वाले पदार्थ हैं।
पान: पान के पत्ते को हिन्दू धर्म में काफी शुद्ध माना गया है। धार्मिक दृष्टि से पान को पूजन सामग्री में भी प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन करने पर पूजा में कोई बाधा नहीं होती।
फल: फल स्वाभाविक रूप से सात्त्विक और पवित्र भोजन हैं। इन्हें खाने के बाद बिना स्नान किए भी पूजा की जा सकती है।
औषधि: यदि कोई व्यक्ति बीमार है और दवाएं लेता है तो उसे पूजा से वंचित नहीं किया गया है। औषधियों को शास्त्रों में धर्मसम्मत माना गया है।
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