---विज्ञापन---

Pitru Paksh 2024: झूठी गवाही की सजा आज भी भुगत रहे हैं ये चार लोग, श्राद्ध को बताया था झूठा!

Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म के साथ-साथ पिंडदान भी किया जाता है। ये प्रथा रामायण काल से ही चलती आ रही। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्राद्ध में दिए झूठी गवाही की सजा आज भी चार प्राणी भुगत रहे हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 17, 2024 19:40
Share :
Pitru Paksh Why did Mother Sita curse

Pitru Paksh 2024: हिन्दू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के बाद पिंडदान के रूप में जो भी दान किया जाता वही मृत आत्मा को भोजन के रूप में प्राप्त होता है। रामायण में एक कथा पढ़ने को मिलती है जिसमें बताया गया है कि माता सीता ने अपने ससुर का पिंडदान किया तो वहां मौजूद प्राणियों ने श्री राम से झूठ बोला था। उसके बाद देवी सीता ने चार प्राणियों को श्राप दे दिया, जिसकी सजा आज भी ये सभी भुगत रहे हैं। आइए जानते हैं, कौन हैं वो चार प्राणी?

रामायण की  कथा 

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार जब प्रभु श्री राम वन को चले गए, तब पुत्र के वियोग में उनके पिता राजा दशरथ की मृत्यु हो गई। अपने पिता की मृत्यु की खबर सुनकर श्री राम और लक्ष्मण शोक में डूब गए। ऐसा माना जाता है कि जिस समय श्री राम को अपने पिता की मृत्यु की खबर मिली, वह गया के फल्गु नदी के तट पर निवास कर रहे थे।

---विज्ञापन---

कुछ समय बाद श्री राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण से कहा, हमें पिता की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करना होगा। उसके बाद फल्गु नदी के तट पर मौजूद पंडितों से उन्होंने पिंडदान की विधि और सामग्री के बारे में पूछा। पंडित ने श्री राम से पिंडदान की सामग्री लाने को कहा। तब अपने भाई के कहने पर लक्ष्मण जी पास के ही गांव में पिंडदान की सामग्री लाने चले गए। काफी देर बाद तक जब लक्ष्मण जी नहीं लौटे तो प्रभु श्री राम को चिंता सताने लगी और वे लक्ष्मण जी को खोजने उसी गांव की ओर निकल पड़े।

प्रभु श्री राम भी जब काफी समय तक नहीं लौटे तो माता सीता से पंडित ने कहा, बेटी पिंडदान का समय निकलता जा रहा है लेकिन ये दोनों भाई अभी तक नहीं लौटे हैं। ऐसा करो तुम ही पिंडदान कर दो। माता सीता ने कहा पंडित जी थोड़ी देर और इंतजार कर लीजिए, दोनों भाई आते ही होंगे। फिर भी जब श्री राम और लक्ष्मण सामग्री लेकर नहीं लौटे तो माता सीता ने ही विधिपूर्वक अपने पिता समान ससुर का पिंडदान किया। पिंडदान में उन्होंने फल्गु नदी के जल और मिट्टी का इस्तेमाल किया।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें-Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में इन लोगों को नहीं करनी चाहिए तुलसी पूजा, पितर हो जाते हैं नाराज!

जब माता सीता ने किया पिंडदान 

देवी सीता के पिंडदान करने के कुछ समय बाद जब श्री राम और लक्ष्मण वापस आए तो माता सीता बोली, पिंडदान का समय निकलता जा रहा था ऐसे में मैंने विधि पूर्वक पिता जी का पिंडदान कर दिया। साथ ही ये भी कहा कि मेरे इस कार्य का साक्षी पंडित, गाय, कौवा और फल्गु नदी भी है। माता सीता की बातों पर प्रभु श्री राम को विश्वास नहीं हुआ। फिर उन्होंने सबसे पहले पंडित से पूछा क्या देवी सीता सही कह रही है? परंतु पंडित ने कहा मैं नहीं जानता। मैंने देवी सीता को पिंडदान करते नहीं देखा। फिर श्री राम ने कौवे से पूछा लेकिन कौवे ने भी सच नहीं बोला। उसके बाद जब श्री राम गाय से पूछे तो गाय ने भी झूठी गवाही दी। अंत में फल्गु नदी ने भी श्री राम के पूछने पर झूठ ही कहा। चारों की बातें सुनकर श्री राम और लक्ष्मण को लगा की सीता झूठ बोल रही है।

माता सीता का श्राप 

माता सीता को चारों की बातें सुनकर क्रोध आ गया और उन्होंने गाय, कौवा, पंडित और फल्गु नदी भयानक श्राप दे दिया। कौवे को श्राप देते हुए माता सीता ने कहा जब तक यह पृथ्वी रहेगी तुम स्वाभाविक मौत नहीं मरोगे और अकेले खाने से कभी भी तुम्हारा पेट नहीं भरेगा। उसके बाद गाय को श्राप दिया कि घर में तुम्हारी पूजा होगी लेकिन तुम लोगों की जूठन खाओगी। फिर पंडित को श्राप देते हुए माता सीता बोली तुम्हें कितना भी दान मिल जाएगा लेकिन तुम हमेशा दरिद्र ही रहोगे और अंत मे फल्गु नदी को श्राप दिया कि तुम नदी होते हुए भी हमेशा सुखी रहोगी।

ऐसा माना जाता है कि माता सीता के श्राप के कारण ही इस कलयुग में भी ये चारों प्राणी ऐसी सजा भुगत रहे हैं। आपने देखा होगा कि कौवा कभी भी स्वभाविक मौत नहीं मरता और हमेशा झुंड में ही खाता है। इसी तरह गाय को तो पूजा जाता है परंतु उसे झूठन भी खाना पड़ता है।

ये भी पढ़ें-Pitru Paksha 2024: गांठ बांध लें श्राद्ध के ये नियम-कायदे! ज्योतिषाचार्य शोनू से जानें भोजन, समय से लेकर अन्य जानकारियां

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

 

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Sep 17, 2024 07:40 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें