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Paush Amavasya Kab Hai: कल है पौष अमावस्या, जानें क्यों है यह महत्वपूर्ण; बन रहे हैं ये शुभ योग और मुहूर्त

Paush Amavasya Kab Hai: साल 2025 की आखिरी अमावस्या, जो कि पौष माह की अमावस्या है, 19 दिसंबर 2025 को पड़ रही है. नारद पुराण के अनुसार, यह दिन पितरों के तर्पण, श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण है. आइए जानते है, इस अमावस्या का महत्व, इस दिन के शुभ योग, पितृ तर्पण और स्नान-दान के मुहूर्त क्या-क्या हैं?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 18, 2025 10:30
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Paush Amavasya Kab Hai: पौष माह जिसे आम लोग पूस का महीना कहते हैं, हिन्दू पंचांग का नौवां महीना है. इस प्रकार इस महीने की पूर्णिमा और अमावस्या दिन हिन्दू वर्ष की नौवीं मासिक तिथियां हैं. नौ का अंक हिन्दू धर्म में काफी अहम माना गया है. ज्योतिष में 9 ग्रह हैं, नवग्रह हैं, वहीं धार्मिक ग्रंथों में नव निधियों की चर्चा मिलती है. नारद पुराण कहता है कि नौवां महीना पौष पितरों की पूजा, सेवा और तर्पण के ‘लघु श्राद्ध माह’ है, विशेषकर इस माह की अमावस्या इस कार्य के लिए आश्विन की अमावस्या के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दिन है.

द्रिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की यह अमावस्या कल यानी 19 दिसंबर, 2025 शुक्रवार को पड़ रही है. आपको बता दें, धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं. वे अपने वंशजों के अच्छे कामों से खुश होकर उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इसलिए पौष अमावस्या का खास महत्व है. इस साल इस अमावस्या पर कुछ शुभ योग और उत्तम मुहूर्त बनने के कारण यह और खास माना जा रहा है.

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पौष अमावस्या 2025 की अवधि

पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 19 दिसंबर की सुबह 4 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी और 20 दिसंबर की सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के नियम के अनुसार अमावस्या से जुड़े सभी धार्मिक काम, जैसे पितरों का तर्पण, स्नान और दान-पुण्य, 19 दिसंबर को ही यानी कल करना शुभ है. आपको बता दें, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या उस दिन होती है, जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में इसे खास माना जाता है. यह समय पितरों का तर्पण करने, श्राद्ध करने और मन व आत्मा की शुद्धि के लिए बहुत शुभ माना गया है.

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पौष अमावस्या पितृ तर्पण मुहूर्त

चूंकि 19 दिसंबर को पौष अमावस्या सुबह 5 बजे से शुरू होकर 20 दिसंबर की सुबह 7:12 बजे तक है. इसलिए यदि आप इस दौरान पितरों का तर्पण या श्राद्ध करना चाहते हैं, तो इसे सुबह 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे के बीच करना सबसे शुभ माना जाता है.

स्नान-दान का समय: इस दिन स्नान और दान करने का शुभ समय सुबह 7:09 बजे से लेकर 11:01 बजे तक है.

बन रहे हैं ये योग और मुहूर्त

पौष अमावस्या के दिन कई अच्छे मुहूर्त का निर्माण हो रहा है, जिनमें पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक काम करने से विशेष लाभ होता है.

ब्रह्म मुहूर्त: 05:19 ए एम से 06:14 ए एम तक (इस समय स्नान करना, ध्यान लगाना, मंत्र जप करना और तर्पण करना बहुत ही शुभ माना जाता है.)
अभिजित मुहूर्त: 11:58 ए एम से 12:39 पी एम तक (यह समय हर काम के लिए अच्छा और शुभ माना जाता है.)
अमृत काल: 01:03 पी एम से 02:50 पी एम तक (इस समय किए गए अच्छे कामों से विशेष सफलता और फल मिलता है.)
विजय मुहूर्त: 02:02 पी एम से 02:43 पी एम तक (इस समय किया गया काम में विजय, उन्नति और अच्छे परिणाम मिलते हैं.)

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Dec 18, 2025 10:30 AM

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