Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संतों में से एक हैं. उन्हें उनके भक्त हनुमान का अवतार मानते हैं. उनके जीवन और उपदेशों में साधारण जीवन और उच्च आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है. बाबा हमेशा कहते थे कि धन केवल भौतिक वस्तुएं नहीं है, बल्कि उसका सही उपयोग ही असली संपत्ति है. अक्सर लोग सोचते हैं कि केवल पैसा या संपत्ति होने से कोई अमीर बन जाता है. लेकिन बाबा के अनुसार, धन का असली अर्थ उसका सही उपयोग करना है. कोई व्यक्ति केवल पैसे देखकर अमीर नहीं होता. असली धनवान वही है, जो अपने पास मौजूद संसाधनों का सही और संतुलित उपयोग करता है.
धन की उपयोगिता
नीम करोली बाबा कहते थे कि धन का मूल्य तभी समझ में आता है, जब उसका सही उपयोग किया जाए. केवल जमा करने से धन का कोई अर्थ नहीं. धन को दूसरों की मदद में लगाने से ही उसका असली महत्व सामने आता है. उदाहरण के लिए, यदि आप जरूरतमंदों के लिए अपना धन खर्च करते हैं, तो वह न केवल समाज के लिए उपयोगी बनता है, बल्कि ईश्वर की कृपा से वह वापस भी आता है.
धन का वितरण
बाबा का उपदेश है: ‘अगर आप कोष खाली नहीं करेंगे, तो उसे भरेंगे कैसे?’ जो लोग अपने धन को केवल जमा करते रहते हैं, वे कभी असली धनवान नहीं बन सकते. लेकिन जो लोग अपने धन का एक हिस्सा दूसरों की भलाई और सेवा में लगाते हैं, वे सच में धन की अनुभूति करते हैं. यह न केवल दूसरों के लिए लाभकारी है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुष्टि भी देता है.
चरित्र, व्यवहार और आस्था
नीम करोली बाबा हमेशा कहते थे कि धन केवल भौतिक वस्तुएं नहीं हैं. आपका चरित्र, आपका व्यवहार और ईश्वर में आपकी आस्था ही असली संपत्ति हैं. यदि ये तीनों कोष भरे हुए हैं, तो व्यक्ति कभी गरीब नहीं हो सकता. आपका धन, आपकी शिक्षा, आपकी अच्छाइयां, यही असली रत्न हैं. भौतिक वस्तुएं केवल अस्थायी होती हैं, लेकिन आपके गुण स्थायी और अमूल्य होते हैं.
बाबा ने बताया अमीर बनने के 3 गुण
- सही उपयोगिता: धन को बुद्धिमानी से खर्च करना.
- समान वितरण: जरूरतमंदों और समाज की भलाई में योगदान देना.
- चरित्र और आस्था: अपने आचरण और ईश्वर में विश्वास बनाए रखना.
नीम करोली बाबा का यह उपदेश हमें यह सिखाता है कि असली धन केवल भौतिक संपत्ति नहीं है, बल्कि वह है जो जीवन में संतुलन, सेवा और अच्छाई लाए.
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